जशपुर : कोरोना संकट के बीच कई लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. शोधकर्ता समर्थ जैन भी ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स में से एक हैं. इस युवा वैज्ञानिक ने स्थानीय संसाधन की मदद से कोरोना के संक्रमण के खतरे को कम करने का हथियार बनाया है. उन्होंने महुआ से एल्कोहल बनाकर धनिया, नीम, तुलसी, अजवाइन, जीरा, लेमन ग्रास, यूकेलिप्टस और करंच के इस्तेमाल से सैनिटाइजर बनाया है.
बता दें, समर्थ जैन बेल्जियम में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़कर लगातार समाज हित में काम कर रहे हैं. वह किसानों के लिए अक्सर नए आविष्कार करते रहते हैं.
समर्थ ने दो प्रकार के सैनिटाइजर बनाए हैं. एक सैनिटाइजर मेडिकल फील्ड के लोगों के लिए जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. जिसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा एल्कोहल का इस्तेमाल किया गया है. वहीं आम लोगों के लिए बनाए गए सैनिटाइजर में 60 प्रतिशत एल्कोहल का इस्तेमाल किया जा रहा रहा है.
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समर्थ के बनाए सैनिटाइजर को महिला स्व सहायता समूह और जिला प्रशासन के माध्यम से जिले भर में बांटा जा रहा है. पहले चरण में जवानों को सैनिटाइजर दिया गया है. जिले में महुआ बड़ी मात्रा में उपलब्ध है. फिलहाल सैनिटाइजर को जरूरी सेवाओं में बांटने की मुफ्त बांटने की योजना है. इसके साथ ही व्यावसायिक अनुमति मिलने के बाद सस्ते दाम आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. समर्थ की माने तो हम प्रदेश के साथ ही और राज्यों में इसके जरिए सैनिटाइजर की आपूर्ति कर सकते हैं.
ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
हर्बल सैनिटाइजर से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा. महुआ से तैयार किया गया सैनिटाइजर भविष्य में स्थानीय लोगों के रोजगार का साधन भी बनेगा. जशपुर प्रदेश के वनांचल इलाकों मे से एक है. ऐसे में यहां के ग्रामीणों को फायदा मिल सकेगा.