नई दिल्ली : गंगा की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा सरकारों के लिए माई नहीं, कमाई बनकर रह गई है. उन्होंने कहा कि गंगा की बीमारी कुछ और है और इलाज कुछ और किया जा रहा है. केंद्र सरकार के गंगा को लेकर किए गए तमाम दावों पर उन्होंने कहा कि मां गंगा की बीमारी प्रवाह की है. उसे हृदय रोग कह सकते हैं, लेकिन इलाज दांतो का किया जा रहा है.
'सरकार में पॉलीटिकल विल की कमी'
उन्होंने यह भी कहा कि गंगा पर खूब पैसे खर्च हुए, लेकिन उसे ठेकेदारों पर लुटाया गया और सरकारों के लिए गंगा सिर्फ कहने को माई है, असलियत में कमाई बनकर रह गई है. गंगा के लिए जो मंत्रालय बना था. उसका नाम ही गंगा पर रखा गया था, लेकिन अब उसका नाम जल शक्ति मंत्रालय कर दिया गया है.
क्या हमारी सरकार और नेताओं के सामने गंगा सफाई को लेकर पॉलीटिकल विल नहीं है, इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि पॉलीटिकल विल तो बिल्कुल ही नहीं है, गंगा के नाम पर कमाई करना एक नया खेल बन गया है. उन्होंने कहा कि सभी दल एक जैसे ही है इस मामले में, कोई नागनाथ है, तो कोई सांपनाथ.