हैदराबाद: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि वह राहुल गांधी की अगुवाई वाले गठबंधन की मदद से क्षेत्रीय दलों द्वारा सरकार गठन की संभावना से इनकार तो नहीं करते.उन्होंने कहा कि अतीत में छोटे दलों द्वारा सरकार की अगुवाई (चाहे वह वी पी सिंह की अगुवाई वाली सरकार रही हो या चरण सिंह या चंद्रशेखर की अगुवाई वाली) के साथ तीसरे मोर्चे का प्रयोग- विफल रहा है.
मोइली ने कहा, 'कोई भी भावी सरकार एक राष्ट्रीय दल द्वारा क्षेत्रीय दलों और सरकार की अगुवाई करने से ही स्थिर होगी.' हालांकि, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों की सरकार स्थिर नहीं होगी और लंबे समय तक नहीं चलेगी.
कोई भी सरकार राष्ट्रीय दल की अगुवाई करने से ही स्थिर होगी
बता दें कि आगामी 23 मई को लोकसभा चुनाव-2019 के नतीजे घोषित किए जाएंगे. त्रिशंकु जनादेश आने की कुछ खबरों के बीच मोइली ने दलील दी कि कोई भी सरकार तब स्थिर होगी, जब उसकी कमान किसी राष्ट्रीय दल के हाथों में हो.
पढ़ें:'गुरु घंटाल' अय्यर ने PM के लिए अपशब्द कहे, लेकिन चुप रहे राहुल: शाह
कांग्रेस के समर्थन से क्षेत्रीय दलों के सरकार में नहीं होगी स्थिरता
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कांग्रेस के समर्थन से क्षेत्रीय दलों के सरकार बनाने की संभावना नजर नहीं आती है तो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं संभावना से इनकार नहीं कर रहा लेकिन यह मजबूत सरकार नहीं होगी. उस सरकार में स्थिरता नहीं होगी.'
'तीसरा मोर्चा सरकार स्थिर नहीं हो सकती है'
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'अन्यथा (तीसरा मोर्चा) सरकार स्थिर नहीं हो सकती है, यह कभी स्थिर नहीं रही है, वी पी सिंह, चंद्रशेखर जैसे मजबूत नेताओं की भी ऐसी सरकार स्थिर नहीं रही. बस कुछ महीने या एक दो साल की बात होती है कि फिर सरकार गिर जाती है.'
मोइली ने किया एकजुटता का सवाल
जब उनसे इन चर्चाओं के बारे में पूछा गया कि संप्रग और राजग से इतर क्षेत्रीय दल कांग्रेस से अधिक सीटें जीत सकते हैं तो उन्होंने कहा कि सवाल है कि उन्हें एकजुट रखेगा कौन. उन्होंने कहा, 'उन्हें एक साथ रखने के लिए साझा कारक होना चाहिए अन्यथा वह बिखरा हुआ समूह होगा. क्षेत्रीय दलों को एकजुट रखने के लिए एक राष्ट्रीय दल होगा.'