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'गलवान शहीद वाटिका': फलदार पेड़ों के रूप में 'जिंदा' रहेंगे गलवान के 20 शहीद - शहीद हुए हमारे 20 जवान

गलवान घाटी में देश के लिए शहीद हुए हमारे 20 जवान फलदार पेड़ों के रूप में जिंदा रहेंगे. उत्तराखंड हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र ने शहीद हुए सैनिकों की याद में 'गलवान शहीद वाटिका' बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है.

Galvan Shaheed Vatika
'गलवान शहीद वाटिका'

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Published : Jun 20, 2020, 7:31 PM IST

देहरादून:15 जून की रात मातृभूमि की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. उनकी यादों को अमर करने के लिए उत्तराखंड हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने 'गलवान शहीद वाटिका' बनाई है. गलवान शहीद वाटिका के नाम से तैयार इस वाटिका में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम पर फलदार वृक्ष लगाए गए हैं. जिससे शहीदों को हमेशा याद करते हुए श्रद्धांजलि दी जा सके.

'गलवान शहीद वाटिका'

वन अनुसंधान केंद्र के रेंजर मदन बिष्ट ने बताया कि वन अनुसंधान केंद्र में इससे पहले पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम से शहीद वाटिका तैयार किया गया था. अब वन अनुसंधान केंद्र ने गलवान में शहीद हुए 20 सैनिकों की याद में फलदार पेड़ लगाकर 'गलवान शहीद वाटिका' बनाई गई है. वाटिका में 20 शहीदों के नाम से अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. इनमें पीपल, बेल, बरगद, जामुन, अमलतास, कचनार, आंवला और अन्य वृक्ष लगाए गए हैं. यह पेड़ बड़े होकर फल देंगे और उन फलों से वन्यजीवों का पेट भरेगा, जिससे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी.

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रेंजर मदन बिष्ट ने कहा कि शहीद वाटिका के माध्यम से इन शहीदों की शहादत को सदैव याद किया जाएगा. जो भी वन अनुसंधान केंद्र का भ्रमण करने आएगा इन शहीदों को नमन करेगा.

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