मथुरा: कृष्ण विराजमान मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा जिला जज कोर्ट में आज दलील पेश की गई. डीजे साधना रानी ठाकुर ने याचिका की अनुमति दे दी है. इस मामले में अब प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया जाएगा. अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर इसे अपनी पहली जीत बताई.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में फैला हुआ है. जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.
30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी. अधिवक्ताओं द्वारा 12 अक्टूबर को जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. सभी दस्तावेजों को पूर्णतया ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. जिला जज साधना रानी ठाकुर ने 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा दलील सुनने के बाद अवर कोर्ट की पत्रावली तलब की.
आज दोपहर 2:45 पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा डीजे कोर्ट में दलील पेश की गई. 30 मिनट की दलील के बाद साधना रानी ठाकुर ने याचिका को अनुमति दे दी और अब प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को नोटिस जारी किया जाएगा.