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मथुरा : कृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक मामले में याचिका स्वीकृत

कृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक को लेकर जिला जज कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं की याचिका स्वीकार ली गई है. कोर्ट में वादी पक्ष द्वारा दलील पेश होने के बाद प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया जाएगा. अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी. अवर कोर्ट की पत्रावली तलब होने के बाद डीजे कोर्ट में 40 मिनट तक दलील पेश की गई. अधिवक्ताओं ने मालिकाना हक को लेकर इसे पहली जीत बताई.

कृष्ण जन्म भूमि मामला
कृष्ण जन्म भूमि मामला

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Published : Oct 16, 2020, 4:21 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 8:48 PM IST

मथुरा: कृष्ण विराजमान मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा जिला जज कोर्ट में आज दलील पेश की गई. डीजे साधना रानी ठाकुर ने याचिका की अनुमति दे दी है. इस मामले में अब प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया जाएगा. अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर इसे अपनी पहली जीत बताई.

अधिवक्ताओं ने याचिका स्वीकार करने पर जताई खुशी.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में फैला हुआ है. जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी. अधिवक्ताओं द्वारा 12 अक्टूबर को जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. सभी दस्तावेजों को पूर्णतया ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. जिला जज साधना रानी ठाकुर ने 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा दलील सुनने के बाद अवर कोर्ट की पत्रावली तलब की.

आज दोपहर 2:45 पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा डीजे कोर्ट में दलील पेश की गई. 30 मिनट की दलील के बाद साधना रानी ठाकुर ने याचिका को अनुमति दे दी और अब प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को नोटिस जारी किया जाएगा.

क्या है मामला
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा और 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को पत्र लिखकर जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना की.

12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि डीजे कोर्ट ने याचिका पर विचार करके दलील सुनी. प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया जाएगा. श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर आज पहली जीत हुई है. वहीं अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि दोपहर बाद डीजे कोर्ट साधना रानी ठाकुर ने हमारी दलील सुनी और छाया शर्मा की कोर्ट से पत्रावली तलब करने के बाद दस्तावेजों पर विचार किया, जिसके बाद याचिका को स्वीकार कर लिया गया. प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को नोटिस जारी किया जाएगा.

अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक को लेकर आज पहली जीत हुई है. कोर्ट ने हमारी दलील सुनी. अब प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया जाएगा.

Last Updated : Oct 16, 2020, 8:48 PM IST

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