हैदराबाद (डेस्क): भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में केस चल रहा है. एक बार फिर माल्या को अदालत से झटका लगा है.लंदन की हाईकोर्ट के जज ने ये आदेश पारित किया है.
जानकारी के मुताबिक माल्या ने कोर्ट से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी थी. अदालत ने अपील की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
माल्या के खिलाफ 9 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. इसी सिलसिले में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर सहमति दे दी है.
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावीद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. कोर्ट ने गत फरवरी में माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश पारित किया था. इस आदेश के तहत माल्या के खिलाफ भारत की अदालतों में कार्यवाही की जाएगी.
माल्या की अपील खारिज होने पर न्यायपालिका के प्रवक्ता ने कहा 'अपील की अनुमति के लिए दिया गया आवेदन जस्टिस विलियम डेविस ने 5 अप्रैल को खारिज कर दिया.'
प्रवक्ता ने बताया 'मौखिक विचार के लिए अप्लाई करने को याचिकाकर्ता (माल्या) के पास पांच कार्यदिवस की मोहलत है. अगर एक रिन्यूअल आवेदन दिया जाता है, तो इसे हाईकोर्ट जज के समक्ष लिस्ट कर सुनवाई की जाएगी.'
प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील का आवेदन एकल जज के पास भेजा गया. उन्हें आवेदन के साथ पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर फैसला लेना था. ऐसे में जबकि, जज डेविस ने आवेदन खारिज कर दिया है, उनके पास रिन्यूअल का विकल्प है.