नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया 'जय जवान जय किसान' का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक है. वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे.
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विजय घाट पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किया.
प्रधानमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह सादगी के प्रतीक थे और उन्होंने अपना जीवन देश के कल्याण की खातिर जिया.
मोदी ने ट्वीट किया, 'लाल बहादुर शास्त्री जी विनम्र और दृढ़ व्यक्ति थे. वह सादगी के प्रतीक थे और उन्होंने राष्ट्र के कल्याण के लिए जीवन जिया. हम उन्हें उनकी जयंती पर याद करते हैं और उन्होंने भारत के लिए जो कुछ भी किया, उसके कारण उनके प्रति बहुत आभारी हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी शास्त्री के स्मारक विजय घाट भी गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
सुरजेवाला ने किया ट्वीट
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है. लाल बहादुर शास्त्री शास्त्री जी के ये विचार आज के हुकमरानों के लिए और भी प्रासंगिक हैं. शास्त्री जी की जयंती पर शत शत नमन. जय जवान, जय किसान !
गृह मंत्री ने किया ट्वीट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी का सादगीपूर्ण, दूरदर्शी व निडर व्यक्तित्व पूरे देश को प्रेरित करता है। उनके हिमालय जैसे मजबूत नेतृत्व और 'जय जवान जय किसान' के ओजस्वी नारे ने भारत की समृद्धि व सुरक्षा के दो सबसे बड़े स्तंभ...किसानों और जवानों को सशक्त किया. उन्हें कोटि-कोटि नमन.
उपराष्ट्रपति ने याद किया
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से कहा, 'जय जवान, जय किसान.. राष्ट्र निर्माण के लिए भारत की युवा शक्ति का आह्वान करने वाले भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनकी पुण्य स्मृति को सादर प्रणाम. आपने आजन्म 'सादा जीवन उच्च विचार' के गांधीवादी जीवन मंत्र का निष्ठापूर्वक पालन किया.'