नई दिल्लीः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी कि असम में गठित ट्रिब्युनल्सने इस साल मार्च तक कुल 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया है.
रेड्डी ने कहा कि फिल्हाल असम के विभिन्न जिलों में अभी 100 फॉरनर ट्रिब्युनल(FTs) कार्यरत हैं.
कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, 31 मार्च 2019 तक ट्रिब्यूनल द्वारा कुल 1,17,164 लोगों को विदेशी घोषित किया गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2014 के एक आदेश के मुताबिक गुवाहाटी हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ इन अधिकरणों के कामकाज की नियमित रूप से निगरानी कर रही है.
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रेड्डी ने कहा कि 'डी' वोटर्स की मार्किंग एफटी द्वारा नहीं की जाती है और उनके द्वारा निपटाए गए मामलों की संख्या महीने-दर-महीने और ट्रिब्यूनल से ट्रिब्यूनल बदलती रहती है.
उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल विदेशियों के न्यायाधिकरण (आदेश) 1964 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्य करते हैं. रेड्डी ने कहा कि एफटी की राय से संतुष्ट नहीं होने वाला व्यक्ति उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाने का हकदार है.
नागरिकता का समायोजन एक कानूनी प्रक्रिया है और प्रत्येक व्यक्ति को नागरिकता के अपने दावे को साबित करने का पूरा मौका दिया जाता है.