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तीन मुस्लिम भाई हिन्दू देवताओं का रूप धर कर दे रहे भाईचारे का संदेश

सीएए और एनआरसी को लेकर एक तरफ जहां पूरे देश में हिन्दू और मुसलमानों को धर्मों में बांटने की कोशिशें जारी हैं, वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में मुसलमान समुदाय के तीन भाई हिन्दू देवताओं का रूप धरकर लोगों को आपस में भाईचारे का संदेश दे रहे हैं.

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Published : Feb 8, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 3:57 PM IST

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कलाकार गुलजार अहमद

फरीदाबाद : नागरिकता संशोधन कानून के बनाए जाने के बाद एक तरफ देश के अलग-अलग हिस्सों में हिन्दू-मुसलमान के बीच आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है और कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं तो वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड में तीन भाई ऐसे भी हैं, जो बहरूपिया बनकर मानवता का संदेश दे रहे हैं.

34वां सूरजकुंड मेला
ये तीनो भाई मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन सूरजकुंड मेले में वे क्रमशः कृष्ण, रावण और यमराज का रूप धारण कर लोगों को मानवता का संदेश दे रहे हैं. इन बहरूपियों का कहना है कि उनका धर्म भले ही दूसरा हो, लेकिन वे सब एक हैं.

तीन मुस्लिम कलाकार अभिनय के जरिये दे रहे भाईचारे का संदेश.

उन्होंने कहा, 'इस देश में हिन्दू-मुसलमान भाई-भाई हैं और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस आपसी सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं. फिलहाल अपने धर्म से हटकर हम एक कलाकार भी हैं और एक कलाकार के लिए कोई धर्म, कोई मजहब नहीं होता.'

कई सालों से आ रहे सूरजकुंड मेले में
उन्होंने कहा, 'जितना हमें हिन्दू पसंद करते हैं, उतना ही मुसलमान भी पसंद करते हैं. जो लोग हमें पसंद नहीं करते, वो हमारे पास नहीं आते.'

ये तीनों ही बहरूपिये पिछले कई सालों से सूरजकुंड मेले में आ रहे हैं और तरह-तरह के रूप धर कर लोगों का मनोरंजन करते हैं.

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पूर्वज भी करते थे कला का प्रदर्शन
इन बहरूपियों के पूर्वज भी ऐसी ही कलाकारी किया करते थे. वे राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं और देश के अलग-अलग हिस्सो में अपनी कला दिखा चुके हैं. उनका कहना है कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं, वे राजनीति के शिकार हैं.

Last Updated : Feb 29, 2020, 3:57 PM IST

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