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जानिए तरूण गोगोई के जीवन से जुड़ी कुछ बातें और उनका राजनीतिक सफर

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का निधन हो गया है. वह 86 वर्ष के थे. उनका राजनीतिक सफर शानदार रहा. वह तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे. वह असम के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे. 1968 में गोगोई जोरहाट के नगर परिषद के लिए भी चुने गए. इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ते चले गए. गोगोई छह बार सांसद भी निर्वाचित हुए. जानें कैसा रहा उनका जीवन और राजनीतिक करियर...

तरूण गोगोई.
तरूण गोगोई.

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Published : Nov 23, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 11:04 PM IST

हैदराबाद : असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का 86 वर्ष के उम्र में निधन हो गया है. गोगोई का इलाज गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज (जीएमसीएच) में चल रहा था. वह असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे. तरूण गोगोई सबसे अधिक समय तक असम के मुख्यमंत्री रहे. तरूण गोगोई 2001 से 2016 तक लगातार तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे. आइए जानते हैं गोगोई के राजनीतिक सफर के बारे में..

गोगोई का राजनीतिक सफर

अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्य में उग्रवाद पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल की. उन्होंने यह भी दावा किया कि असम के 85 लाख से अधिक लोगों को उनके कार्यकाल के दौरान रोजगार मिला.

सोनिया गांधी के साथ गोगोई.

जन्म
तरूण कुमार गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर 1936 को असम में जोरहाट जिले के टी-एस्टेट में हुआ था. गोगोई के पिता का नाम कमलेश्वर गोगोई था.

प्रारंभिक शिक्षा
तरूण गोगोई ने जोरहाट के गवर्नमेंट ब्यॉयज स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करके जे.बी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद गोगोई ने गौहाटी विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई की. वह एक छात्र नेता थे और जेबी कॉलेज और असम इंटर कॉलेज के छात्र संघ के उपाध्यक्ष थे. जोरहाट कॉलेज संघ के संयुक्त सचिव के रूप में भी सेवा की और छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे.

तरूण गोगोई.

पहली बार 1968 में गोगोई जोरहाट के नगर परिषद के लिए चुने गए.

शादी
तरूण गोगोई की शादी डॉली से शादी हुई थी. उनके एक बेटा और एक बेटी भी हुई.

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राजनीतिक करियर
जोरहाट विधानसभा से 1971 में पाचवीं लोक सभा के लिए एक सांसद पद पर निर्वाचित होने के बाद राजनीतिक सफर शुरू हुआ.

1976 तक वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे. इसके बाद 1977 और 1983 में छठवीं और सातवीं लोक सभा के लिए दो बार कलियाबोर लोक सभा सीट से चुने गए.

1985 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया. गोगोई 1986 से 1990 तक चार साल के लिए असम की प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवा प्रदान की.

उनको 1991 में कलियाबोर से दसवीं लोक सभा के लिए फिर से चुना गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.

किसी कार्यक्रम का उद्धाटन करते गोगोई.

गोगोई को दो विभागों में स्वतंत्र प्रभार दिया गया था और 1991 से 1993 तक केंद्रीय मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. इसके बाद 1993 से 1995 तक खाद्य मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे.

1997 में तरूण मार्गेरिटा निर्वाचन क्षेत्र से असम विधानसभा के सदस्य के पद पर निर्वाचित हुए.

1998 में एक वर्ष के बाद वह फिर से कलियाबोर निर्वाचन क्षेत्र से 12वीं लोक सभा के लिए चयनित किये गए. इसके बाद इन्होंने तीन लोक सभा समितियों में कार्य किया. बाद में इन्होंने सरकारी बीमा समिति, विदेशी कार्य समिति और परामर्श समिति पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में भी अपनी सेवा प्रदान की.

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2001 में पहली बार मुख्यमंत्री बने
तरूण कुमार गोगोई 1999 में कलियाबोर से लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए और 1999 से 2000 तक रेलवे विभाग में लोक सभा समिति के सदस्य रहे. मई 2001 में वह असम के मुख्यमंत्री बन गए.

गोगोई सितंबर 2001 में विधानसभा चुनावों में चुनाव जीता. इसके बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया. इसके बाद वह असम के मुख्यमंत्री बने.

2006 में फिर से कांग्रेस पार्टी के पद से चुनाव में जीत हासिल की. इसके बाद गोगोई लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनाए गए.

2011 में राज्य का चुनाव जीतकर तीसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए उन्हें नियुक्ति किया गया.

कुछ दिलचस्प तथ्य

  • तरूण गोगोई को पढ़ना और बागवानी पसंद था.
  • उनकी रुचि क्रिकेट, फुटबॉल और टेनिस में थी.
  • वह गोल्फ के अच्छे खिलाड़ी थे.
  • वह ऑल असम मोइना पारिजात एंड चिल्ड्रेन ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व कोषाध्यक्ष और भारत युवा समाज के पूर्व अध्यक्ष थे.
  • वह असम के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री रहे.
Last Updated : Nov 23, 2020, 11:04 PM IST

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