नई दिल्ली:पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगा मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में न्यायिक हिरासत (तिहाड़ जेल) भेज दिया गया है. ईडी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने गुरुवार को योगेश खन्ना की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ को सूचित किया कि एजेंसी को हुसैन की आगे की हिरासत नहीं चाहिए है, जिसके बाद ताहिर को तिहाड़ जेल भेज दिया गया. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने इस मामले पर विस्तृत दलीलें 24 नवंबर को सुनने का आदेश दिया.
10 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया
पिछले 9 सितंबर को सुनवाई करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना ने आरोपी के वकील को निर्देश दिया था कि वो अपने पक्ष में फैसलों की नजीर लेकर आएं. बता दें कि पिछले 7 सितंबर को कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 10 सितंबर तक की ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.
ईडी ने एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत से नौ दिनों की हिरासत की मांग की थी. पिछले 5 सितंबर को ईडी ने कहा था कि उसने ताहिर हुसैन को 29 अगस्त की बजाय 31 अगस्त को गिरफ्तार किया था. ईडी ने कहा कि प्रक्रियाओं को पूरा करने और ताहिर हुसैन का मेडिकल टेस्ट करने की वजह से यह देरी हुई थी. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन के वकील केके मनन ने ईडी की हिरासत का विरोध किया था.
कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर करने का आरोप
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील नवीन कुमार माटा ने कहा था कि ताहिर हुसैन को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था. ताहिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज है. ईडी ने कई स्थानों पर छापा मारा, जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले. ताहिर हुसैन के पास से वॉट्एसएप चैट, फर्जी बिल बरामद किए गए. ईडी ने कहा था कि ताहिर हुसैन ने आपराधिक साजिश रचते हुए कई कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर किए. इन पैसों से अपराध को अंजाम दिया गया.
मनी लॉन्ड्रिंग का कोई केस नहीं बनता