नई दिल्ली: देश भर के किसानों को मोदी सरकार की दूसरी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. मोदी सरकार ने भी कार्यकाल शुरू होते ही कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू भी कर दिया है. ऐंसे में सवाल यह उठता है कि क्या महज इन योजनाओं से ही किसानों की समस्याएं खत्म हो सकती हैं ? किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ कैसे मिले और कैसे वो सिर्फ सरकारी मदद पर ही निर्भर न रहें.ऐसे तमाम विषयों को ले कर भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद ने दिल्ली में एक दिवसीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है.
ICFA ने तय किया कृषि नीति एजेंडा नई सरकार के लिये कृषि नीति एजेंडा तैयार करने के लिये इस परिचर्चा का आयोजन किया गया था.
आपको बता दें कि इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के कृषि से जुड़े प्रतीनिधि, पूर्व उच्च अधिकारी, किसान नेता, विशेषज्ञ और कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी भी शामिल हुए. सभी ने चर्चा के जरिये अपने सुझाव रखे.
ICFA के चेयरमैन एमजे खान ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि ऐसे कई सुझाव सामने आए हैं जो सरकार तक पहुंचाने के लिये वो जल्द ही कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री से मुलाकात करेंगे.
भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद ने दिल्ली में एक दिवसीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गौरतलब है कि मंगलवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी कृषि विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी जिसमें कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं और अब भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद भी अपने कई महत्वपूर्ण सुझाव सरकार तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है.
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बता दें, नई सरकार का पहला बजट जुलाई में आना तय है और उससे पहले सरकार भी सुझाव ले रही है और कृषि क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं भी मोदी सरकार के लिये सुझाव के साथ एजेंडा 2018 तैयार करने में जुट गई हैं.