दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट का सरकारों को निर्देश- प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के अंदर घर भेजें - supreme court verdict

प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र व सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके घर भेजा जाए. कोर्ट ने मांग किए जाने के समय से 24 घंटे के भीतर ट्रेन उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है. साथ ही पुनर्वास के क्रम में मजदूरों को रोजगार देने के लिए योजनाएं तैयार करने को भी कहा है.

sc on migrant labour crisis
प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Jun 9, 2020, 10:45 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 1:13 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर मंगलवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके घर भेजा जाए.

बता दें कि शीर्ष अदालत ने प्रवासियों की समस्याओं से मुकदमे पर स्वत: संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को पंजीकरण के माध्यम से पहचाना जाना चाहिए.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने लॉकडाउन के दौरान पलायन कर रहे मजदूरों की दयनीय स्थिति को देखते हुए वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए अपने फैसले में विस्तृत निर्देश दिए. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पलायन के दौरान मजदूरों के खिलाफ दर्ज लॉकडाउन उल्लंघन के सभी मामले वापस लिए जाएं.

पढ़ें:-प्रवासी मजदूर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक फैसला सुरक्षित रखा

उच्चतम न्यायालय ने मजदूरों के रजिस्ट्रेशन और उन्हें 15 दिनों में घर भेजने का आदेश दिया है. साथ ही पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया है कि श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त रेलगाड़ियों की मांग किए जाने पर 24 घंटे के भीतर राज्यों को ट्रेनें उपलब्ध कराई जाए.

पीठ ने इस मामले को जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि कौशल क्षमता का आकलन करने के बाद मजदूरों को रोजगार दिया जाए. इसके लिए सरकार योजनाएं बनाए और इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी योजनाओं के बारे में जानकारी मजदूरों तक पहुंचाई जाए.

पढ़ें:-केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, कहा- प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में सुविधाएं मुहैया कराईं

बता दें कि शीर्ष अदालत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉगडाउन के दौरान अपने अपने पैतृक स्थानों की ओर जा रहे कामगारों की दुर्दशा का स्वत: संज्ञान लिया था. न्यायालय ने मामले में 5 जून को केन्द्र और राज्य सरकारों का पक्ष सुनने के बाद कहा था कि इस पर 9 जून को आदेश सुनाया जायेगा.

Last Updated : Jun 9, 2020, 1:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details