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घर में ही बना डाला बापू की 'यादों' का म्यूजियम

इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत दो अक्टूबर तक हर दिन उनके जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा कर रहा है. हम हर दिन एक विशेषज्ञ से उनकी राय शामिल कर रहे हैं. साथ ही प्रतिदिन उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं. प्रस्तुत है आज छठी कड़ी.

गांधी के प्रशंसक सुधीर और महात्मा गांधी (डिजाइन फोटो)

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Published : Aug 21, 2019, 7:20 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:53 PM IST

प्रयागराज: संगम शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एक ऐसा अनूठा फैन है, जिसके पास बापू से जुड़ी कई ऐसी स्मृतियां मौजूद हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. इन्होंने इन स्मृतियों से बाकायदा एक म्यूजियम तैयार कर लिया है. इनमें डाक टिकट, अलग-अलग करेंसियां और गांधी से जुड़े कई दस्तावेज मौजूद हैं. आइए आपको बापू के इस फैन से आपको रूबरू करवाते हैं.

इनका नाम है डॉ सुधीर गुप्ता. पेशे से यह प्रोफेसर हैं. वह कृषि विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य करते हैं. वह बचपन से ही बापू के प्रशंसक रहे हैं. उन्हें बापू से जुड़ी सामग्रियों को इकट्ठा करने का शौक रहा है. वह ऐसा पिछले 30 सालों से करते आ रहे हैं. इन वर्षों में उनके पास बापू से जुडी खबरें प्रकाशित करने वाले अलग-अलग भाषाओं के एक हजार से अधिक अखबार और मैग्जीन हैं.

गांधी के प्रशंसक सुधीर पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इनमें से कई तो दुर्लभ हैं, जिनमें स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर बापू की हत्या, इलाहाबाद के संगम पर उनकी अस्थियों के विसर्जन और उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिए जाने की खबरों व लेख वाले अखबार और पत्रिकाएं भी शामिल हैं.

इसके अलावा राष्ट्रपिता पर अब तक देश में जितने डाक टिकट और अलग-अलग रकम की करेंसियां जारी हुई हैं, उनमें से भी ज्यादातर सुधीर के छोटे से म्यूजियम में मौजूद हैं.

सैकड़ों की तादाद में डाक कवर और दूसरी डाक सामाग्रियां भी सुधीर के म्यूजियम में चार चांद लगा रहे हैं. उनके खजाने में चार्ली चैपलिन और पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के साथ बापू पर जारी डाक कवर भी मौजूद हैं.

उनके म्यूजियम को देखने के लिए तमाम शोध छात्र व दूसरे गांधी प्रेमी उनके घर आते हैं. राष्ट्रीय पर्वों के साथ ही बापू के शहादत दिवस जैसे खास मौकों पर वह अलग-अलग स्कूल कॉलेजों में राष्ट्रपिता से जुड़ी सामग्रियों की प्रदर्शनी भी लगाते हैं.

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सुधीर का इरादा बापू से जुड़े इन अनूठे संग्रह का ऐसा म्यूजियम तैयार करने का है, जहां लोग बापू के विचारों व संदेशों से प्रेरणा ले सकें.

उनका मानना है कि युवाओं को इस वक्त बापू के अहिंसा और शांति के विचारों और उनके स्वच्छता व दूसरे संदेशों को समझकर उस पर अमल करने की बेहद जरूरत है और वह अपने कलेक्शंस के जरिये इसी कोशिश में लगे हुए हैं.

Last Updated : Sep 27, 2019, 5:53 PM IST

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