जलपाईगुड़ी (पश्चिचम बंगाल) :भारत-बांग्लादेश दोनों देशों के लोग एक ऐसे ऐतिहासिक पल के गवाह बने जिन्होंने दो देशों की दूरियों को कम करते इस रेल मार्ग से रेल इंजन को दौड़ते देखा. बीते गुरुवार भारत-बांग्लादेश सीमा के डांगापाड़ा बीओपी के अंतर्गत भारत के हल्दीबाड़ी से भारत-बांग्लादेश सीमा के जीरो प्वाइंट तक ट्रेन का ट्रॉयल किया गया. जलपाईगुड़ी से चिल्हाटी (बांग्लादेश) तक भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय रेल मार्ग जो कि हल्दीबाड़ी से होकर गुजरता है, 55 साल बाद फिर से शुरू होने के लिए तैयार है.
भारत-बांग्लादेश की सीमा पर लगे कंटीले तारों को काटकर ही रेल पटरी बिछाई गई है. भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इस मार्ग से भारत-बांग्लादेश ट्रेन सेवा 1965 में निलंबित कर दी गई थी. बाद में बांग्लादेश को अपनी स्वतंत्रता मिल गई, लेकिन इतने सालों बाद भी ट्रेनों की सेवा शुरू नहीं हुई है. जिसके बाद अब जाकर इस रेल मार्ग से रेल इंजन दौड़ा. इस मार्ग पर अब जाकर एक लोको इंजन का आवागमन हुआ. सीमा के दोनों ओर के लोग अब इस रुकी ट्रेन कनेक्टिविटी की फिर से सेवा लेने को लेकर उत्साहित हैं.
ट्रॉयल इंजन का स्वागत
गुरुवार को लगभग 11.45 बजे लोको इंजन ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया. सीमा के दूसरी तरफ के लोगों ने गर्मजोशी के साथ इंजन का स्वागत किया. इंजन ने डांगापारा की सीमा चौकी से बांग्लादेश बॉर्डर के शून्य बिंदु तक यात्रा की. चीफ इंजीनियर (कंस्ट्रक्शन) जेपी सिंह, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने इस सफर को शुरू किया और झंडी दिखाकर रवाना किया. सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश भी कुछ दिनों के भीतर एक ट्रॉयल कर सकता है.