हैदराबाद : ऐसे समय में जब दुनिया कोरोनो वायरस संकट से जूझ रही है, एमोरी विश्वविद्यालय के नए शोध में कहा गया है कि कोविड -19 से संक्रमित लगभग सभी लोग सकारात्मक परीक्षण के छह दिन के भीतर वायरस को बेअसर करने वाली एंटीबॉडी विकसित करने लगते हैं.
एमोरी शोधकर्ताओं ने जो परीक्षण विकसित किया है, उससे काफी मदद मिल सकती है. जैसे कि, क्या COVID-19 से ठीक हो चुके लोगों से मिलने वाला प्लाज्मा दूसरों को प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है और किस दाता के प्लाज्मा का उपयोग किया जाना चाहिए.
एंटीबॉडी रोग से लड़ने की प्रक्रिया में प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बनाए गए छोटे प्रोटीन होते हैं और किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के कुछ ही दिनों के बाद विकसित हो जाते हैं और संभावित रूप से एक व्यक्ति को पुन: संक्रमित होने से बचाने के लिए प्रतिरक्षा बनाने में मदद कर सकते हैं.
एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और एमोरी वैक्सीन सेंटर के सहायक पीडियाट्रिक्स प्रोफेसर डॉ मेहुल एस सुथर ने कहा कि इन निष्कर्षों में SARS-CoV-2 के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा की समझ एक चिकित्सा के रूप में प्रतिरक्षा प्लाज्मा के उपयोग और बहुत जरूरी टीकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण उत्तर छिपे हुए हैं.
सिर्फ कुछ ही रिसर्च टीमों ने वर्तमान में अस्पताल में मौजूद लोगों में एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बेअसर करने का काम किया है. यह अध्ययन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उसी समय रिकार्ड करेगा जब यह हो रही हो, ना कि लड़ाई समाप्त होने के बाद.