हैदराबाद : दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों ने कोविड-19 महामारी के उपचार के लिए अध्ययन करना जारी रखा है. इसी क्रम में वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूवीए) के डॉक्टरों द्वारा एक नया वैज्ञानिक पत्र तैयार किए गया है. यह पत्र दावा करता है कि कोरोना वायरस हृदय से संबंधी गंभीर रोग जैसे दिल का दौरा और रक्त के थक्के से घात संबंधी जटिलता गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है.
दरअसल यूवीए हेल्थ विभाग के विलियम ब्रैडी, एमडी और अन्य सहकर्मियों का नया शोध कोविड-19 के रोगियों का इलाज करने वाले आपातकालीन-चिकित्सा डॉक्टरों के लिए दिशानिर्देश के तौर पर तैयार किया गया है.
लेखकों का तर्क है कि कोविड-19 में फेफड़े (श्वास) जटिलताओं पर तो बहुत ध्यान दिया गया है, लेकिन हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में कम बात हुई है, जोकि मृत्यु या स्थायी हानि का कारण बन सकता है.
यूवीए के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के ब्रैडी ने कहा, ‘इस नए शोध का कारण यह है कि हम इस नयी बीमारी के बारे में और जान सके. आपातकालीन चिकित्सकों में इसका हृदय प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति जागरूकता बढ़ने की उम्मीद करते हैं.'
'जब हम कोविड-19 बीमारी के अधिक रोगियों को सामना करते हैं, तो हम सामान्य रूप से शरीर पर इसके प्रभाव और विशेष रूप से हृदय प्रणाली पर पड़ने वाले समझ को बढ़ा रहे हैं. ब्रैडी ने कहा कि इस क्षेत्र में जानने की दर आश्चर्यजनक रूप से अभी बहुत है. सूचना साप्ताहिक रूप से बदल रही है, हालांकि हर दिन नहीं.
कोविड-19 और हृदयघात
हाल के एक अध्ययन का हवाला देते हुए लेखक कहते हैं कि कोविड-19 के लगभग 24% रोगी तीव्र हृदय गति से पीड़ित थे, जब उन्हें पहली बार वायरस का पता चला. हालांकि, बताते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि हृदयघात कोविड-19 का परिणाम है या वायरस हृदय को खराब किया था.