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वर्जीनिया विवि का अध्ययन, कोविड-19 हृदय पर भी करता है वार

वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूवीए) के डॉक्टरों द्वारा तैयार किए गए एक नए वैज्ञानिक पेपर दावा करता है कि कोरोना वायरस हृदयघात, दिल का दौरे और स्ट्रोक के लिए रक्त के थक्के सहित गंभीर रोगों का भी कारण बन सकता है. जानें विस्तार से...

Study by UVA doctors points to COVID 19 induced cardiovascular complications
प्रतीकात्मक चित्र

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Published : May 24, 2020, 7:14 PM IST

Updated : May 24, 2020, 7:27 PM IST

हैदराबाद : दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों ने कोविड-19 महामारी के उपचार के लिए अध्ययन करना जारी रखा है. इसी क्रम में वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूवीए) के डॉक्टरों द्वारा एक नया वैज्ञानिक पत्र तैयार किए गया है. यह पत्र दावा करता है कि कोरोना वायरस हृदय से संबंधी गंभीर रोग जैसे दिल का दौरा और रक्त के थक्के से घात संबंधी जटिलता गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है.

दरअसल यूवीए हेल्थ विभाग के विलियम ब्रैडी, एमडी और अन्य सहकर्मियों का नया शोध कोविड-19 के रोगियों का इलाज करने वाले आपातकालीन-चिकित्सा डॉक्टरों के लिए दिशानिर्देश के तौर पर तैयार किया गया है.

लेखकों का तर्क है कि कोविड-19 में फेफड़े (श्वास) जटिलताओं पर तो बहुत ध्यान दिया गया है, लेकिन हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में कम बात हुई है, जोकि मृत्यु या स्थायी हानि का कारण बन सकता है.

यूवीए के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के ब्रैडी ने कहा, ‘इस नए शोध का कारण यह है कि हम इस नयी बीमारी के बारे में और जान सके. आपातकालीन चिकित्सकों में इसका हृदय प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति जागरूकता बढ़ने की उम्मीद करते हैं.'

'जब हम कोविड-19 बीमारी के अधिक रोगियों को सामना करते हैं, तो हम सामान्य रूप से शरीर पर इसके प्रभाव और विशेष रूप से हृदय प्रणाली पर पड़ने वाले समझ को बढ़ा रहे हैं. ब्रैडी ने कहा कि इस क्षेत्र में जानने की दर आश्चर्यजनक रूप से अभी बहुत है. सूचना साप्ताहिक रूप से बदल रही है, हालांकि हर दिन नहीं.

कोविड-19 और हृदयघात

हाल के एक अध्ययन का हवाला देते हुए लेखक कहते हैं कि कोविड-19 के लगभग 24% रोगी तीव्र हृदय गति से पीड़ित थे, जब उन्हें पहली बार वायरस का पता चला. हालांकि, बताते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि हृदयघात कोविड-19 का परिणाम है या वायरस हृदय को खराब किया था.

हृदयघात और अन्य चिंताएं

लेखक यह भी ध्यान देते हैं कि कोविड​​-19 और अन्य बीमारियां पूरे शरीर में गंभीर सूजन का कारण बनती हैं. रक्त वाहिकाओं में फैटी पट्टिका का निर्माण जोखिम बढ़ाता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक पड़ता है.

कोविड-19 की चिकित्सीय समीक्षा में लेखक आगे की स्थिति पर बताते है कि इन्फ्लुएंजा कुछ अन्य वायरस बीमारी के निदान के बाद, पहले सप्ताह शरीर के भीतरी पट्टिका का फटने की जोखिम से जुड़ा है.

अंत में, कोविड-19 रोगियों में संभावित दवा पर लेखकों का तर्क है कि अत्यधिक प्रचारित मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन हृदय की क्षति कर सकता है.

रेमडेसिवीर के बारे में जो कि एफडीए द्वारा अधिकृत एंटीवायरल कोविड-19 का उपचार है. अध्ययन से पता चलता है कि यह निम्न रक्तचाप और असामान्य हृदयगति का कारण बन सकता है.

लेखकों ने कोविड-19 के साथ मरीजों का इलाज करते समय, डॉक्टरों को इन निर्देशों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है.

'ब्रैडी ने कहा कि जैसा कि हम इस नए बीमारी के साथ अधिक अनुभव हासिल करते है, हम महसूस करते हैं कि इसका प्रतिकूल प्रभाव श्वसन प्रणाली से आगे भी है.

'हम कोविड-19 और इसकी कई कारणों के बारे में अधिक जानना जारी रखेंगे.'

Last Updated : May 24, 2020, 7:27 PM IST

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