दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

झारखंड के 78 साल के टिपरिया तियू ने दौड़ में जीते 106 गोल्ड और 600 अन्य मेडल

झारखंड में चाईबासा के 78 वर्षीय टिपरिया तियू ने दौड़ में 106 गोल्ड सहित अन्य 600 मेडल जीते है. इस उम्र में भी तियू लगातार अभ्यास के साथ युवाओं को ट्रेनिंग भी देते है. उन्होंने अब तक करीब 1300 एथलीटों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया है.

झारखंड के 78 साल के टिपरिया तियू ने दौड़ में जीते 106 गोल्ड और 600 अन्य मेडल

By

Published : Jul 31, 2019, 10:49 AM IST

रांचीः यह एथलीट चाईबासा में कोल्हान के दद्दू के नाम से फेमस हैं. पश्चिम सिंहभूम जिले के 78 वर्षीय टिपरिया तियू ने जब दौड़ना शुरू किया था, तब शायद उन्हें भी यह नहीं पता था कि दौड़ने की ललक उन्हें प्रसिद्धि और सम्मान से नवाजेगी.

आपको बता दें कि इंटर डिस्ट्रिक्ट, नेशनल, एशियाड से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले एथलेटिक प्रतियोगिता में टिपरिया तियू 106 गोल्ड सहित अन्य 600 मेडल जीत चुके हैं.

देखें झारखंड के इस एथलीट का वीडियो...

19 साल की उम्र में दौड़ने का लिया संकल्प
टाटा स्टील में नौकरी पाने की चाहत और एक वृद्ध की बातें सुनकर टिपरिया तियू ने दौड़ने का संकल्प किया, जिसके बाद उन्होंने 19 साल में एथलेटिक्स की शुरुआत 1961 से कॉलेज के दिनों से की.

उन्होंने टाटा कॉलेज की ओर से रांची यूनिवर्सिटी एथलीट प्रतियोगिता के एनुअल चैंपियनशिप में ब्राउंज मेडल हासिल किया. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.

टाटा स्टील में 30 सालों तक सीनियर स्पोटर्स ऑर्गेनाइजर रहे
अपनी प्रतिभा के बल पर टिपरिया तियू टाटा स्टील में 1971 से 30 सालों तक सीनियर स्पोटर्स ऑर्गेनाइजर के पद पर रहे.

वो देश विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं और मलेशिया, श्रीलंका, अमेरिका ब्राजील में भी बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं. टाटा स्टील से 2006 में सेवानिवृत होने के बाद भी उन्होंने लगातार अभ्यास जारी रखा.

देश-विदेश में कई मेडल जीते
1962 में साल टाटा कॉलेज के एनुअल स्पोर्ट्स मीट में सिल्वर और 1964 में 400, 800 और 1500 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया.

उन्होंने ओपन बिहार स्टेट एथलीट से लेकर नेशनल चैंपियनशिप, नेशनल वैटरन क्रॉस कंट्री रेस, वैटरन चैंपियनशिप सहित कुल 115 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. सभी प्रतियोगिताओं में उनकी धमक बरकार रही.

पढ़ेंः उत्तराखंड : गरीबी के कारण बिके थे मां के गहने, बेटे ने लगाया 'गोल्डन पंच'

उन्होंने साल 2010 में मलेशिया में हुए 16वां मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन गोल्ड, एक सिल्वर दो ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

1500 मीटर की दौड़, 400 गुना 400 मीटर रिले रेस में गोल्ड मेडल, 2000 मीटर स्ट्रीपुल चेंज में गोल्ड मेडल जीत, जबकि 400 मीटर की रेस में सिल्वर, 4 गुना 100 मीटर रिले 7 किमी दौड़ में ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा था.

वहीं, 2011 में अमेरिका में हुए 19वें वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500 मीटर के अलावा 2000 मीटर स्ट्रीपुल चेंज में 7वां स्थान प्राप्त किया था.

उन्होंने 2012 में श्रीलंका में हुए 26वें एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीता. साल 2013 में ब्राजील में हुए 20वें वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 800 मीटर की दौड़ में 8वें स्थान पर रहे थे.

टिपरिया तियू ने सबसे अधिक गोल्ड मेडल नेशनल मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में हासिल की थी. वो एशिया मास्टर्स एथलीट चैंपियनशिप और श्रीलंका मास्टर्स एथलीट चैंपियनशिप में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने में कामयाम रहे थे.

युवाओं को देते हैं ट्रेनिंग
आज भी टिपरिया तियू दौड़ स्पर्धाओं में युवाओं को मात दे रहे हैं. वो अपने अभ्यास के साथ युवाओं को ट्रेनिंग भी देते है. उन्होंने अब तक करीब 1300 एथलीटों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया है.

एथलेटिक्स एकेडमी खोलने की चाहत
टिपरिया तियू कहते हैं कि दिली इच्छा है कि यहां के लड़के भी नेशनल और इंटरनेशनल में एथलेटिक में गोल्ड मेडल जीते. जिसके लिए वो यहां एथलेटिक्स एकेडमी खोलना चाहते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details