रांचीः यह एथलीट चाईबासा में कोल्हान के दद्दू के नाम से फेमस हैं. पश्चिम सिंहभूम जिले के 78 वर्षीय टिपरिया तियू ने जब दौड़ना शुरू किया था, तब शायद उन्हें भी यह नहीं पता था कि दौड़ने की ललक उन्हें प्रसिद्धि और सम्मान से नवाजेगी.
आपको बता दें कि इंटर डिस्ट्रिक्ट, नेशनल, एशियाड से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले एथलेटिक प्रतियोगिता में टिपरिया तियू 106 गोल्ड सहित अन्य 600 मेडल जीत चुके हैं.
19 साल की उम्र में दौड़ने का लिया संकल्प
टाटा स्टील में नौकरी पाने की चाहत और एक वृद्ध की बातें सुनकर टिपरिया तियू ने दौड़ने का संकल्प किया, जिसके बाद उन्होंने 19 साल में एथलेटिक्स की शुरुआत 1961 से कॉलेज के दिनों से की.
उन्होंने टाटा कॉलेज की ओर से रांची यूनिवर्सिटी एथलीट प्रतियोगिता के एनुअल चैंपियनशिप में ब्राउंज मेडल हासिल किया. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
टाटा स्टील में 30 सालों तक सीनियर स्पोटर्स ऑर्गेनाइजर रहे
अपनी प्रतिभा के बल पर टिपरिया तियू टाटा स्टील में 1971 से 30 सालों तक सीनियर स्पोटर्स ऑर्गेनाइजर के पद पर रहे.
वो देश विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं और मलेशिया, श्रीलंका, अमेरिका ब्राजील में भी बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं. टाटा स्टील से 2006 में सेवानिवृत होने के बाद भी उन्होंने लगातार अभ्यास जारी रखा.
देश-विदेश में कई मेडल जीते
1962 में साल टाटा कॉलेज के एनुअल स्पोर्ट्स मीट में सिल्वर और 1964 में 400, 800 और 1500 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया.
उन्होंने ओपन बिहार स्टेट एथलीट से लेकर नेशनल चैंपियनशिप, नेशनल वैटरन क्रॉस कंट्री रेस, वैटरन चैंपियनशिप सहित कुल 115 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. सभी प्रतियोगिताओं में उनकी धमक बरकार रही.