देहरादून :कैंसर जैसे गंभीर और जानलेवा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्वभर में 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है. इस दिन को रोज डे इसलिए कहा गया है, क्योंकि कनाडा में रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची मेलिंडा रोज की साल 1974 में सितंबर माह में ब्लड कैंसर के चलते मृत्यु हो गई थी.
क्या है कैंसर?
कैंसर रोग को बेहतर समझने के लिए ईटीवी भारत ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन से खास बातचीत की. कैंसर रोग के संबंध में डॉ. नवनीत जैन ने बताया कि कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसमें कोशिकाओं (cell) की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर के अंगों में फेल कर यह पूरे शरीर को नष्ट करने लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक जानलेवा रोग है. डॉ. जैन ने कहा कि अगर कैंसर पीड़ित मरीज समय पर अपना इलाज शुरू कर दे तो उसकी जान निश्चित तौर पर बचाई जा सकती है.
आखिर कितने प्रकार के कैंसर रोग हो सकते हैं ?
बात केंसर रोग के प्रकारों की करें तो इस पर अभी भी शोध जारी हैं. दरअसल, असंख्य प्रकार की कोशिकाएं मिलकर मानव शरीर का निर्माण करती हैं. कैंसर की बीमारी कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से जुड़ा एक रोग है, इसलिए इसके कई प्रकार हो सकते हैं. अब तक जो तरह तरह के कैंसर रोग सामने आ चुके हैं. उनकी संख्या 100 से ऊपर है. लेकिन भारत में मुख्यतः ज्यादा लोग लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, स्टमक कैंसर और माउथ कैंसर यानी मुंह के कैंसर का ज्यादा शिकार हो रहे हैं.
कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन बताते हैं कि बीते कुछ सालों में भारत में हर साल 18 से 20 लाख लोग कैंसर रोग का शिकार हो रहे हैं. डॉ. जैन के मुताबिक भारत में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारणों में एक कारण तंबाकू का सेवन भी है. इसके साथ ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर भी भारत में एक आम बात हो चुकी है, जिसके पीछे का एक बड़ा कारण हार्मोनल इंबैलेंस है. वहीं, कई बार कैंसर रोग आनुवंशिकी से निर्धारित भी होता है.