नाहन : हिमाचल अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए विश्वभर में जाना जाता है, यहां की लोक मान्यताएं, देव परम्पराएं और अनुष्ठान कई विचित्र कहानियों से जुड़े हुए हैं. माना जाता है कि इन्हीं कहानियों से जुड़े स्थान अपने भीतर कई रहस्यों को संजोए हुए हैं.
ईटीवी भारत अपनी खास सीरीज रहस्य में आपकों अबतक कई रहस्यमयी स्थानों से परिचित करवा चुका है, इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसी जगह ले चलेंगे, जहां लोग चर्म रोग और बुखार से छुटकारा पाने के लिए किसी डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि एक हाथी की कब्र पर जाते हैं.
हाथी की यह कब्र नाहन-शिमला मार्ग पर सीजेएम निवास के पास ही स्थित है. मान्यता है कि इस कब्र पर आने से स्किन संबंधी रोग दूर हो जाते हैं, लोगों का मानना है कि इस कब्र पर मन्नत मांगने से संतान की कामना भी पूरी हो जाती है.
नाहन के निवासी कंवर अजय बहादुर सिंह का कहना है कि रियासत कालीन समय में यहां के महाराज सिरमौर हुआ करते थे.
राजा का ब्रजराज नाम का प्रिय हाथी हुआ करता था, यह हाथी न सिर्फ महाराज का प्रिय था, बल्कि उस समय उनके राज्य के सभी बच्चों को भी बहुत प्रिय हुआ करता था. यह हाथी राज्य के सभी लोगों को प्रिय हुआ करता था.
एक रोज अचानक गजराज की मृत्यु हो गई. जिसके बाद महाराज सिरमौर ने शाही तरीके से गजराज का अंतिम संस्कार करने की घोषणा की और जिसके बाद हाथी की एक पक्की कब्र बनवा दी.