नई दिल्लीःकोरोना के चलते लगाए गए इस लॉकडाउन में सरकार ने जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया. लाखों लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है, लेकिन कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां सरकारी तंत्र की तरफ से कोई सहायता नहीं पहुंच पाई है. ऐसा ही इलाका है यमुना खादर का चिल्ला गांव, जहां ईटीवी भारत की टीम नाव से पहुंची और हालात का जायजा लिया.
दरअसल ये इलाका एक टापू है. यमुना के बीच स्थित इस टापू पर करीब 10 परिवारों के 40 सदस्य रहते हैं. यह लोग सब्जियां उगाकर या फिर दिहाड़ी/मजदूरी करके गुजर-बसर कर रहे हैं. लॉकडाउन के बाद से इनकी आमदनी बिल्कुल बंद है. सब्जियां भी नहीं उगा पा रहे, क्योंकि बीज नहीं हैं और दुकानें बंद हैं.
'नहीं मिली सरकारी मदद'
इन परिवारों का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. सरकार की तरफ से ना खाना पहुंचा है और ना ही राशन. आरएसएस की सेवा भारती संस्था ही इन लोगों का एकमात्र सहारा है. यह संस्था इन्हें खाना और राशन मुहैया करा रही है.
'बड़े नेताओं' का इलाका है यमुना खादर