हैदराबाद : आधुनिक जमाने में लोग अपना स्टेटस बनाए रखने के लिए अपने मां-बाप को घर से निकाल देते हैं. ऐसे लोगों को मल्लेशम से कुछ सीख लेनी चाहिए. जो अपनी मां को लकड़ी की गाड़ी में बैठाकर खुद पेंशन केंद्र ले जाता है. बुजुर्ग पेंशन योजना के सहारे अपना जीवन व्यतीत करते हैं, लेकिन बुढ़ापे के कारण पेंशन राशि प्राप्त करना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. एक बूढ़ी मां को पेंशन की राशि प्राप्त कराने के लिए लकड़ी की गाड़ी में उसका बेटा पेंशन केंद्र ले जाता है.
तेलंगाना में वारंगल जिले के गांव की रहने वाली इस वृद्धा का नाम राजम्मा है, जो 80 की उम्र को पार कर चुकी है. उम्र बढ़ने के साथ उनके शरीर ने भी साथ छोड़ दिया है. ऐसी नाजुक स्थिति में उनका बेटा ही उनका सहारा बन गया है. जिसका नाम मल्लेशम है. गरीबी के कारण उसे व्हील चेयर तो नसीब होने से रही, इसलिए बेटे ने दूसरा रास्ता निकाल लिया. महीने में एक दिन मल्लेशम लकड़ी की गाड़ी में अपनी मां को पेंशन दिलाने के लिए अधिकारियों के पास ले जाता है. उसे वह खुद ही खींचता है.