नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021 किसान विरोधी, गरीब विरोधी और आम आदमी विरोधी है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एकमात्र ध्यान अपने कॉरपोरेट मित्रों को राष्ट्रीय संपत्ति बेचने पर था.
केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करने के लिए पंजाबियों को कुछ नहीं मिला, बल्कि दंडित किया गया है.
सुखबीर बादल ने कहा कि जब किसानों के साथ-साथ समाज के विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों में भी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण बढ़ाने की आवश्यकता थी, एनडीए सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के विनिवेश पर ध्यान केंद्रित कर रही थी. शिअद नेता ने कहा, 'यह क्रॉनिक पूंजीवाद को और बढ़ावा देगा क्योंकि कॉरपोरेट खिलाड़ी इन सार्वजनिक उपक्रमों को सस्ते दामों पर खरीदने के लिए तैयार हैं.'
उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार को चुनावी बजट पेश करने से बचना चाहिए, जो केवल उन विशिष्ट राज्यों तक सीमित हैं, जहां चुनाव होने वाले हैं.' सुखबीर बादल ने कहा कि यह खतरनाक विकास को बढ़ावा देगा और राष्ट्रीय हित में नहीं है.
उन्होंने सरकार से 'डिजिटल बजट' और 'आत्मनिर्भर' जैसे शब्दों के साथ प्रचार करने से हटने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग सहित एक बड़े वर्ग की इस बजट में अनदेखी की गई है.
सदन से वॉकआउट कर जताया विरोध
हरसिमरत और सुखबीर ने जताया विरोध इससे पहले पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के साथ शिअद अध्यक्ष ने लोकसभा में जोरदार विरोध दर्ज कराया था. जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने उठीं शिअद नेताओं ने मांग की कि प्रधानमंत्री पहले किसानों के मुद्दे पर बात करें.
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किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहें हैं, उनकी बात नहीं सुनी जा रही. शिअद नेताओं की मांग पूरी नहीं हुई तो सदन से वॉकआउट कर दिया.