दिल्ली

delhi

गुवाहाटी : चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया शरजील इमाम

By

Published : Feb 20, 2020, 8:44 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 12:06 AM IST

असम को भारत से अलग करने के मामले में शरजील इमाम को गुवाहाटी की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया. शरजील को गुवाहाटी लाए जाने पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया.

etvbharat
शरजील इमाम

गुवाहाटी : शरजील इमाम को गुरुवार रात करीब आठ बजे गुवाहाटी स्थित कामरुप न्यायिक कोर्ट में (विशेष अदालत) में पेश किया गया. पेशी के दौरान पुलिस ने शरजील को 14 दिनों हिरासत में भेजने की मांग की.

अदालत ने शरजील को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत ने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर पुलिस और भी दिनों की न्यायिक हिरासत में ले सकती है.

शरजील कोर्ट में पेशी

गुरुवार को असम के गुवाहाटी में शरजील इमाम के पहुंचते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

दिल्ली की कोर्ट ने भी हिरासत में भेजा
गौरतलब है कि गत 18 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने भी शरजील इमाम को तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया था. शरजील इमाम को पिछले महीने राजद्रोह के मामले गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले 18 फरवरी को ही दिल्ली पुलिस ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर की अदालत में आरोपपत्र दायर किया, जिसमें इमाम पर हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया गया है.

बता दें कि दिल्ली स्थित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी.

पुलिस ने आरोपपत्र के साथ सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं.

पुलिस ने इससे पूर्व अदालत को बताया था कि फुरकान को एक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. फुटेज में शरजील को एक कंटेनर ले जाते हुए देखा जा सकता है और कंटेनर में कथित तौर पर पेट्रोल था.

मामले में 16 दिसंबर को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. फुरकान को बाद में गिरफ्तार किया गया था.

बिहार से गिरफ्तार हुआ शरजील
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. इमाम के खिलाफ 26 जनवरी को राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था.

पूरे मामले की जड़
बता दें कि पिछले वर्ष 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ हुए संघर्ष में प्रदर्शनकारियों ने चार सार्वजनिक बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया था. इस घटना में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों समेत लगभग 60 लोग घायल हो गए थे.

छात्रों के साथ बर्बरता का आरोप
पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. पुलिसकर्मी यह कहते हुए जामिया परिसर में प्रवेश कर गए थे कि दंगाई वहां छिपे हैं. हालांकि जामिया छात्रों ने इस बात से इनकार किया कि वे हिंसा में शामिल थे. छात्रों ने पुलिस बर्बरता का आरोप लगाया था.

Last Updated : Mar 2, 2020, 12:06 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details