नई दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की मंजूरी के बाद कोरोना के टीके का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है. सीरम इंस्टीट्यूट 1600 भारतीय वयस्कों पर कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण कर रही है.
अध्ययन में 18 वर्ष से अधिक आयु के कुल 1,600 पात्र प्रतिभागियों को नामांकित किया जाएगा. यह अध्यनन भारत में 17 चुने हुए स्थानों में किया जाएगा. 17 चुने हुए स्थानों में एम्स-दिल्ली, पुणे में बीजे मेडिकल कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ शामिल है.
क्लिनिकल ट्रायल के लिए चुनी गई अन्य संस्थाएं :
- पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस)
- एम्स-जोधपुर
- गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज का नेहरू अस्पताल
- विशाखापत्तनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज
- जेएसएस अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (कर्नाटक)
- सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज (मुंबई)
- सामुदायिक चिकित्सा संस्थान (मद्रास)
कुल 1,600 योग्य प्रतिभागियों में से, 400 प्रतिभागी इम्युनोजेनेसिटी कॉहोर्ट का हिस्सा होंगे और उन्हें क्रमशः 3:1 अनुपात में कोविशिल्ड या ऑक्सफोर्ड / AZ-ChAdOx1 nCoV-19 दिया जाएगा. शेष 1,200 प्रतिभागियों को 3:1 के अनुपात में कोविशिल्ड या प्लेसबो दिया जाएगा.
क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री इंडिया ने कहा कि कोविशिल्ड (COVID-19 वैक्सीन) की 0.5 मिली की दो खुराक दी जाएगी. दूसरी खुराक पहली खुराक के 29 दिन बाद दी जाएगी.