बेगूसराय: हाल ही में नीति आयोग ने हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है. इसमें 21 राज्यों की सूची में बिहार 20वें नंबर पर है. बेगूसराय जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है. इस कारण यहां के सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक के स्वास्थ्य केंद्रों पर अराजकता की स्थिति बनी हुई है. जिले में कई ऐसे प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो केवल एक ही डॉक्टर के सहारे चलते हैं. जबकि 18 प्रखंडों में मात्र 4 महिला डॉक्टर हैं.
62 डॉक्टरों के भरोसे 30 लाख लोग
दरअसल, यहां 30 लाख लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा 62 डॉक्टरों के कंधे पर है. जिले में डॉक्टरों के कुल 142 पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र 62 डॉक्टर कार्यरत हैं. जबकि 80 डॉक्टर के पद अभी भी खाली हैं. यहां की आधी आबादी महिलाओं की है. इनके देख-रेख के लिए महज चार महिला डॉक्टर कार्यरत हैं.
मरीजों को होती है दिक्कत
डॉक्टरों की कमी के कारण जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को 24 घंटे सुविधा देना काफी मुश्किल हो रहा है. इस कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं.
महिला रोगियों को हो रही परेशानी
इस बाबत सिविल सर्जन बृजनंदन शर्मा ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. इस कारण मरीजों को सेवा देना मुमकिन नहीं हो पा रहा है. महिला डॉक्टरों के अभाव के कारण महिला रोगियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण कई बार विभाग और सरकार को पत्र लिखा गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही डॉक्टरों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा.