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खाद्य सुरक्षा कानून पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों से मांगी रिपोर्ट - न्यायमूर्ति बी. आर. गवई

उच्चतम न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शिकायत निवारण व्यवस्था को लागू करने के बारे में उठाए गए कदमों की रिपोर्ट राज्य सरकरों से मांगी है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 9, 2019, 10:29 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शिकायत निवारण व्यवस्था को लागू करने के बारे में उठाए गए कदमों की जानकारी राज्य सरकारों से मांगने का निर्णय किया है.

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई तथा न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, 'हम उस बारे में (भूख से मौत) कुछ नहीं कहना चाहते.'

पीठ ने सभी राज्यों को नोटिस जारी कर कानून के तहत सभी को भोजन सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम और शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में बताने के लिए कहा.

पीठ ने मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद तय की. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, 'हमने एक राज्य में जांच की और पाया गया कि यह भूख के कारण मौत का मामला नहीं था.'

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संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि भूख से मौत का आरोप विस्फोटक मुद्दा है, लेकिन कानून के तहत खाद्य सामग्री लोगों को नहीं दिए जाने के सिलसिले में शिकायतों से निबटने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में वह जवाब का इंतजार करेगी.

सॉलिसिटर जनरल इस वर्ष जून में मीडिया में आई खबरों का हवाला दे रहे थे कि झारखंड में एक व्यक्ति की मौत भूख से हो गई.

वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेस ने दावा किया कि देश में भूख के कारण 20 लोगों की मौत हुई, जिसका मेहता ने प्रतिवाद किया. इस पर सीजेआई ने कहा कि ‘यह एक विस्फोटक मुद्दा है.

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