नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई करने से 30 सितबंर को इनकार कर दिया. इस याचिका में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को कोर्ट के समक्ष पेश करने की मांग की गयी थी.
न्यायालय ने कहा कि मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) के नेता जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत के आदेश को चुनौती दे सकते हैं.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वाइको के वकील से कहा, 'वह (अब्दुल्ला) जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं'.
वाइको के वकील ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के आचरण पर सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई से कुछ मिनटों पहले ही अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया.
बता दें कि इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत अब्दुल्ला के खिलाफ हिरासत के आदेश को सक्षम प्राधिकरण के समक्ष चुनौती दे सकता है.