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SC से बोले भूषण- मैं सजा को तैयार, अटॉर्नी जनरल ने कहा- माफ कर दीजिए - SC on Prashant Bhushan

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में वकील प्रशांत भूषण को दोषी पाया गया है. इस मामले में उनको दी जाने वाली सजा पर सुनवाई टालने की याचिका को खारिज कर दिया गया है. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय से अनुरोध किया कि अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को कोई सजा नहीं सुनाई जाए.

Prashant Bhushan
प्रशांत भूषण मामला

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Published : Aug 20, 2020, 11:59 AM IST

Updated : Aug 20, 2020, 3:53 PM IST

नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने आज सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण की इस विनती को खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही में सजा तय करने संबंधी दलीलों की सुनवाई शीर्ष अदालत की दूसरी पीठ द्वारा की जाए. प्रशांत भूषण ने महात्मा गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं दया की अपील नहीं करता हूं. मेरे प्रमाणिक बयान के लिए कोर्ट की ओर से जो भी सजा मिलेगी, वह मुझे मंजूर है.'

भूषण ने आगे कहा, 'इस बात का दुख है कि मुझे अदालत की अवमानना ​​का दोषी ठहराया गया है.'

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय से अनुरोध किया कि अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को कोई सजा नहीं सुनाई जाए, कहा कि उन्हें पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है. न्यायालय ने कहा कि वह अटॉर्नी जनरल के अनुरोध पर तब तक विचार नहीं कर सकते जब तक प्रशांत भूषण ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगने के अपने पहले के रुख पर पुन: विचार नहीं कर लेते.

अदालत ने कहा, 'हम आपके प्रस्ताव पर तब तक विचार नहीं कर सकते, जब तक कि वे (प्रशांत भूषण) खुद अपने बयान पर पुनर्विचार नहीं करते. हमें इस पर विचार करना होगा कि उनका बयान रक्षा के लिए था या उग्र होकर दिया गया था.'

कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को अदालत की अवमानना ​​के कानूनी पहलू पर प्रस्तुतियां करने को कहा और भूषण को पुनर्विचार के लिए समय दिया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने भूषण को विश्वास दिलाया कि जब तक उन्हें अवमानना मामले में दोषी करार देने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर निर्णय नहीं आ जाता, सजा संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

पीठ ने भूषण के वकील दुष्यंत दवे से कहा कि वह न्यायालय से अनुचित काम करने को कह रहे हैं कि सजा तय करने संबंधी दलीलों पर सुनवाई कोई दूसरी पीठ करे.

शुरुआत में दवे ने मामले में सजा तय करने पर दलीलों की सुनवाई टालने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह दोषी करार दिए जाने के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. मामले में सुनवाई चल रही है.

शीर्ष अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ भूषण के दो अपमानजनक ट्वीट को लेकर उन्हें 14 अगस्त को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया.

बता दें उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को एक्टिविस्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति उनके दो अपमानजनक ट्वीट के कारण उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुए कहा था कि इसकी सजा की मात्रा के मुद्दे पर 20 अगस्त को बहस सुनी जाएगी.

पढ़ें :-'भूषण के खिलाफ अवमानना मामले की संविधान पीठ करे सुनवाई'

क्या है मामला

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें कथित तौर पर अदालत की अवमानना की गई है. उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते.

Last Updated : Aug 20, 2020, 3:53 PM IST

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