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1984 सिख दंगा : अस्वस्थ सज्जन ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी जमानत, कल होगी सुनवाई

पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी है. वह इस मामले में में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय बुधवार को उनकी अर्जी पर सुनवाई करेगा.

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Published : Mar 3, 2020, 2:43 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 8:57 PM IST

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सज्जन कुमार

नई दिल्ली : वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोप में जेल की सजा काट रहे सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई है, जिसपर बुधवार को सुनवाई होगी. पूर्व कांग्रेस नेता ने अपनी अर्जी में खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कड़ी में सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह से कहा है कि वह अपने मुवक्किल के स्वास्थ्य को लेकर हलफनामा दाखिल करें.

इसके पूर्व उच्चतम न्यायालय ने सज्जन कुमार को 2018 में अग्रिम जमानत देने के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया था.

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, 'शीघ्र सुनवाई का आवेदन खारिज किया जाता है.'

पीठ ने यह आवेदन खारिज करते हुए एसआईटी से सवाल किया कि 'क्या वह जेल के अंदर हैं या नहीं.'

पीठ उस मामले का जिक्र कर रही थी, जिसमें इस पूर्व कांग्रेस नेता को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है और वह इस समय जेल में बंद हैं.

विशेष जांच दल ने सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में अग्रिम जमानत देने का निचली अदालत का 21 दिसंबर, 2016 का आदेश बरकरार रखने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 22 फरवरी, 2018 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार वह जांच के दौरान बराबर उपलब्ध थे.

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सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में उच्च न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. ये मामले एक और दो नवंबर, 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राजनगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारा जलाने से संबंधित हैं.

सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय के पिछले साल 17 दिसंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है.

उच्च न्यायालय ने इन मामलों में सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का 2010 का फैसला निरस्त कर दिया था.

Last Updated : Mar 3, 2020, 8:57 PM IST

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