नई दिल्ली : कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की रोज एवेन्यू कोर्ट ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. इस मामले में शिवकुमार ने जमानत की अपील की थी. जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने कहा कि जांच के इस महत्वपूर्ण चरण में उन्हें रिहा किये जाने से जांच-पड़ताल प्रभावित हो सकती है.
शिवकुमार को कोई राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस कुहाड़ ने इस बात का जिक्र किया कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
न्यायाधीश ने कहा, 'मौजूदा मामले में जांच अब भी शुरूआती चरण में है. दलीलों के दौरान ईडी ने 317 बैंक खातों की सूची और प्रापर्टी के अन्य दस्तावेज जैसी कुछ चीजें दिखाई थी, जिनसे जाहिर होता है कि जांच अब भी दस्तावेजों की छानबीन और वादी/आरोपी की संपत्ति से उनके जुड़ाव का पता लगाने के महत्वपूर्ण चरण में है.'
उन्होंने कहा, 'गहराई से छानबीन करने के लिए जांच एजेंसी को अवश्य ही एक पूर्ण, निष्पक्ष और स्वतंत्र मौका मिलना चाहिए ताकि यह तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच सके. इस महत्वपूर्ण चरण में वादी की रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है. इसलिए, मेरा मानना है कि वादी जांच के इस स्तर पर जमानत का हकदार नहीं है.'
अदालत ने कहा कि इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि जमानत याचिका पर विचार करने के दौरान अदालत को व्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में सचेत रहना होगा लेकिन समाज के हित को भी ध्यान में रखना होगा. अदालत ने कहा, 'इन दोनों के बीच एक संतुलन रखना होगा.'
न्यायाधीश ने शिवकुमार की मेडिकल रिपोर्ट भी देखी और इस पर विचार किया कि उनकी एंजियोग्राफी हुई है, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें दवा लेने की सलाह दी गई है.