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साईकिल से सपनों की उड़ान भरते दिल्ली के कमलकांत

हार्ट सर्जरी हुई थी और कृत्रिम वाल्व के सहारे जीवन यापन कर रहे दिल्ली के कमलकांत शर्मा की इच्छा 'G2G 2020' में हिस्सा ले कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में अपना नाम दर्ज कराने की है.

कमलनाथ
कमलनाथ

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Published : Aug 29, 2020, 10:54 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 8:58 AM IST

नई दिल्ली :कहते हैं कि इंसान के अंदर अगर जज्बा हो तो तमाम मुश्किलों को पार करके आगे बढ़ जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है 51 वर्षीय कमलकांत शर्मा की, जिनकी 2018 में हार्ट सर्जरी हुई थी और कृत्रिम वाल्व के सहारे वह आज तक जीवित हैं. खास बात यह है कि उन्होंने कृत्रिम वाल्व लगा होने के बावजूद न केवल इस बीमारी से उबरे बल्कि पहाड़ों में जा कर ट्रेकिंग की. इतना ही नहीं उन्होंने दिसंबर 2019 में 750 किलोमीटर की साइकिलिंग कर अपना नाम 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी दर्ज कराया है.

कमलकांत शर्मा दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में रहते हैं और प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं. 2018 में जब उन्हें दिल से संबंधित बीमारी का पता चला, तो परिवार के मुखिया होने के नाते वह घबरा गए, लेकिन सर्जरी होने के छह माह बाद से ही कमल ने खुद को पहले से मजबूत बनाना शुरू किया.

ईटीवी भारत से बात करते कमलनाथ

साइक्लिंग, ट्रेकिंग और रनिंग का शौक रखने वाले कमलकांत ने 200 किलोमीटर की राइड तो पहले भी की थी, लेकिन दिसंबर 2019 में इन्होंने गोल्डन ट्रायंगल (दिल्ली-आगरा-जयपुर) की यात्रा साइकिल से पूरी की, जो 750 किलोमीटर है.

इस उपलब्धी के लिए कमलकांत का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया और उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है.

गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तैयारी

कमलकांत शर्मा का अगला लक्ष्य 'G2G 2020' में हिस्सा ले कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में नाम दर्ज कराने की है. इसके लिये उन्हें दिल्ली-हरियाणा-राजस्थान-गुजरात-महाराष्ट्र की यात्रा करते हुए कुल 1450 किलोमीटर की दूरी साईकिल से तय करनी पड़ेगी. गिनीज बुक में प्रवेश पाने के लिए उन्हें यह कारनामा 6 दिन में पूरा करना होगा.

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19 दिसंबर 2020 को कमलकांत का यह सफर दिल्ली के इंडिया गेट से शुरू होना तय है और 24 दिसंबर शाम को उनकी यात्रा गेटवे ऑफ इंडिया मुम्बई में समाप्त होगी.

कमलकांत शर्मा का कहना है कि बहुत से लोग हार्ट सर्जरी के बाद हिम्मत हार जाते हैं और आगे की जिंदगी डर डर के जीते हैं, लेकिन उन्होंने तय किया कि वह अपने साथ ऐसा नहीं होने देंगे.

गौरतलब है कि कमल की पत्नी भी राष्ट्रीय स्तर की साइकिलिस्ट हैं और जीवन को सकारात्मकता के साथ जीने में उन्हें अपनी पत्नी और दोनों बच्चों का भी भरपूर साथ मिला है.

Last Updated : Aug 30, 2020, 8:58 AM IST

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