भोपालःबात मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की है. जिले की बिजावर तहसील में केदारनाथ बिशवारी नाम के एक व्यक्ति रहते हैं. केदारनाथ की एक साधारण सी किराने की दुकान है. पर यह वो बात नहीं जो उनको खास बनाती है. उन्हें खास बनाती है गीता.
केदारनाथ के पास एक डेढ़ इंच चौड़ी और दो इंच लंबी एक भागवत गीता है. इस गीता की खास बात यह है कि बेहद छोटी होने के बावजूद इसमें लिखे शब्दों को बड़े आराम से बिना चश्मे के पढ़ा जा सकता है. यह भागवत गीता बेहद दुर्लभ पुस्तकों में से एक है.
केदारनाथ से जब यह पूछा गया कि, यह भागवत गीता उनके पास कहां से आई और कब से उनके पास है? केदारनाथ ने बताया कि उनके पिता को पुस्तकों को संग्रहित करने का शौक था. यह भागवत गीता उन्ही पुस्तकों में से एक है.