पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के तहत 71 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ. दूसरे चरण के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज बिहार पहुंचे. दरभंगा, मुजफ्फरपुर में रैली करने के बाद प्रधानमंत्री पटना पहुंचे. तीनों रैलियों के जरिए मोदी ने मतदाताओं को केंद्र और राज्य सरकार के काम याद दिलाए. साथ ही लालू राज के दिन भी जनता को याद कराए. 71 सीटों पर सुबह 11 बजे तक 18.48 प्रतिशत मतदान हुआ और अपराह्न 1 बजे तक 33.10 प्रतिशत मतदान हुआ. 4 बजे तक 30 सीटों पर पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया था और 41 पर जारी था. जाहिर है, प्रधानमंत्री दिन भर मतदाताओं को संदेश देते रहे. कुल मिलाकर कहें तो मोदी ने बिहार चुनाव को ‘जंगलराज के युवराज’ बनाम 'आत्मनिर्भर बिहार' बना दिया.
पटना रैली में मोदी ने क्या कहा
अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है, कि वो आती कम है और जाती ज्यादा है. लालटेन काल का अंधेरा अब छट चुका है. बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है.
पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था. अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है. पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है.
पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना थे. अब स्टेशन तो आधुनिक सुविधाओं से जुड़ ही रहे हैं, नए-नए रेल रूट शुरू किए जाने की भी आकांक्षा है.
बिहार के गरीब की आकांक्षा, बिहार के मध्यम वर्ग की ये आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं?
जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे?
पहले पटना में रिंग रोड की मांग होती थी. रिंग रोड बनी तो फिर मेट्रो की मांग तेज हुई. आज पटना मेट्रो पर काम चल रहा है तो दूसरे शहरों में भी ऐसी ही सुविधा की अपेक्षाएं बढ़ी हैं.
आज पटना सहित बिहार के सभी शहरों में सड़क, पानी और सीवर जैसे बुनियादी मुद्दों पर तेज गति से काम किया जा रहा है. गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों का पानी साफ करने के लिए आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट भी लग रहे हैं.
बीते समय में शिक्षा से लेकर शासन तक, किसान से लेकर श्रमिक तक, Ease of Living से लेकर Ease of Doing Business तक के लिए अभूतपूर्व रिफॉर्म्स किए गए हैं. आज साढ़े तीन दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार का जो हमारा गरीब और वंचित छूट जाता था, उसको सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है.
केंद्र सरकार की ग्रुप-बी और ग्रुप-सी की भर्तियों से इंटरव्यू खत्म कर दिया गया है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था. अब कंपीटिटिव एग्जाम की व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं.
बिहार में आईटी हब बनने की, पूरी संभावना है. यहां पटना में भी I.T की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है. सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं. बीते वर्षों में दर्जन भर बीपीओ पटना, मुजफ्फरपुर और गया में खुले हैं.
आज NDA सरकार का जोर है कि सरकारी सेवाओं और सुविधाओं से कोई क्षेत्र या कोई व्यक्ति छूट न जाए. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है. पटना में ही शहरी गरीबों को 28 हजार पक्के घर टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्वीकृत हुए हैं.
जनधन, आधार, मोबाइल की त्रिशक्ति अगर नहीं होती, तो कोरोना काल में बिहार के लाखों गरीबों के हक का राशन कोई हड़प लेता, जो पहले के वर्षों में होता था.