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फरवरी, 2021 तक भारत को मिल जाएंगे 18 राफेल : उड़ान के बाद राजनाथ सिंह - फ्रांसीसी शहर बोर्डोक्स

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के लिए पहला राफेल विमान प्राप्त कर लिया है. फ्रांस के मेरिग्नैक में एक औपचारिक समारोह में राफेल विमान भारत को सौंपा गया. इसके बाद राजनाथ ने शस्त्र पूजा भी की. राजनाथ सिंह ने एक ट्रेनी पायलट के साथ राफेल विमान में उड़ान भरी. राजनाथ सिंह ने उड़ान के बाद मीडिया से भी बात की. जानें पूरा विवरण...

समारोह के दौरान राजनाथ सिंह

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Published : Oct 8, 2019, 8:24 AM IST

Updated : Oct 9, 2019, 12:13 AM IST

पेरिस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के पहले राफेल विमान में करीब 30 मिनट की उड़ान भरी. लड़ाकू विमान राफेल में बैठने के पूर्व राजनाथ ने राफेल की विधिवत शस्त्र पूजा भी की.राजनाथ सिंह बुधवार को फ्रांसीसी रक्षा उद्योग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के सीईओ को संबोधित कर सकते हैं. ये उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का भाग है. बताया जाता है कि राजनाथ सिंह उन्हें अगले साल फरवरी में लखनऊ में आयोजित होने वाले 'डिफेंस एक्सपो' में भाग लेने का न्योता देंगे.

इससे पहले राफेल में उड़ान के बाद राजनाथ सिंह काफी खुश नजर आए. बता दें कि राजनाथ सिंह ने जिस विमान में उड़ान भरी है, वह एक प्रशिक्षु विमान है.

उड़ान के बाद मीडिया से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, कि राफेल सौंपे जाने का समारोह खत्म होने के बाद उड़ान काफी अच्छी रही. उन्होंने बताया कि फरवरी, 2021 तक हमें 18 राफेल विमान मिल जाएंगे. इसके बाद अप्रैल-मई, 2022 तक पूरे 36 राफेल भारत को मिल जाएंगी.

पीएम मोदी के नेतृत्व का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके नेतृत्व क्षमता के कारण ही भारत की क्षमता में इजाफा हुआ है. ये भारत की आत्म रक्षा के क्षेत्र में अहम है.

राजनाथ सिंह राफेल निर्माता कंपनी डसॉल्ट के ट्रेनी पायलट के साथ उड़ान भरी. उड़ान से पहले राजनाथ को बुनियादी जानकारी दी गई.

राफेल के शस्त्र पूजन के दौरान राजनाथ सिंह ने नारियल, फूल, रोली-कुमकुम का प्रयोग किया और राफेल पर ऊं शब्द लिखा. बता दें कि राजनाथ वर्षों से 'शस्त्र पूजा' करते आ रहे हैं. पूर्ववर्ती राजग सरकार में गृहमंत्री रहते हुए भी वह शस्त्र पूजा किया करते थे. शस्त्र पूजा या आयुध पूजा में अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है.

राफेल के अधिग्रहण का औपचारिक समारोह शुरू होने के बाद डसॉल्ट के अधिकारियों के अलावा राजनाथ ने भी संबोधित किया. फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन के अधिकारियों की मौजूदगी में भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा, 'राफेल विमान में उड़ान भरना मेरे लिए सम्मान और अनुभव की बात होगी. मैं इसके लिए मंत्री का आभार प्रकट करता हूं.'

राजनाथ सिंह का संबोधन

बिंदुवार पढ़ें राजनाथ सिंह की बातें.

  • राफेल एक फ्रेंच शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ होता है 'आंधी' (gust of wind) मुझे विश्वास है कि ये अपने नाम को सार्थक करेगा.
  • भारत व फ्रांस की साझेदारी अमर रहे, वे ऐसी आशा करते हैं.
  • मैं रक्षा के अलावा अन्य मुद्दों पर डिफेंस मिनिस्टर पार्ली का शुक्रगुजार हूं.
  • मुझे खुशी है कि राफेल की डेलिवरी पूर्वनिर्धारित समय के हिसाब से हो रही है.
  • आज का दिन ऐतिहासिक है. भारत-फ्रांस के कूटनीतिक रिश्ते मजबूत होंगे. राफेल मिलने के बाद भारत की रक्षा क्षमता में काफी इजाफा होगा.
  • आज भारत में विजयादशमी है. आज भारतीय वायुसेना की 87वीं वर्षगांठ भी है. इसलिए आज पहला राफेल लेना विशेष है.
  • भारत सरकार और वहां की जनता की तरफ से मैं जैक शिराक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.

राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी वायुसेना दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है कि राफेल मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा तथा हमारी हवाई क्षमता को बढ़ाते हुए क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.'

राजनाथ सिंह ने सालाना भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता के संदर्भ में पेरिस में कहा, 'आज भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया गया है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है.

उन्होंने कहा, 'यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जो भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को प्रदर्शित करता है. आज विजयादशमी है और साथ ही भारतीय वायुसेना का 87 वां स्थापना दिवस भी है.'

फ्रांस की रक्षा मंत्री पार्ले ने राफेल के बारे में कहा कि यह फ्रांस की सर्वश्रेष्ठ चीज है जिसकी पेशकश फ्रांस ने भारत को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए की है. यह 'मेक इन इंडिया' की पहल के प्रति फ्रांसीसी प्रतिबद्धता भी है.

फ्रांसीसी मंत्री पार्ले ने कहा, 'यह कोई संयोग नहीं है कि यह समारोह दशहरा के दिन और भारतीय वायुसेना के 87 वें स्थापना दिवस के दिन आयोजित हुआ. यह हमारे सर्वोच्च महत्त्व को प्रदर्शित करता है जो हम भारत के साथ अपने सहयोग को देते हैं.'

उन्होंने कहा, 'यह एक लंबी यात्रा में पहला कदम भर है क्योंकि कि हम भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह हमारे औद्योगिक सहयोग के इतिहास में एक बड़ा दिन है और मेक इन इंडिया पहल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध बने रहेंगे.'

उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों का यह संस्करण विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है.

इस अवसर पर दसाल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैप्पियर ने कहा, 'भारतीय वायुसेना के लिए 1953 में 'तूफानी' सौंपे जाने के साथ हमारे संबंधों का इतिहास शुरू हुआ था और तब से हमने इस देश के साथ निरंतर प्रतिबद्धता रखी है, जिसका फ्रांस की सरकारों ने समर्थन किया.'

इससे पहले राजनाथ सिंह ने डसॉल्ट के संयंत्र का दौरा कर राफेल के बारे में जानकारी ली. राफेल बनाने वाली कम्पनी डसॉल्ट एविएशन के संयंत्र में राजनाथ के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के संयंत्र का दौरा करते राजनाथ सिंह

इससे पहले राजनाथ सिंह पेरिस से मेरिग्नैक पहुंचे. मेरिग्नैक में डसॉल्ट के अधिकारियों ने राजनाथ की अगवानी की.

मेरिग्नैक पहुंचे राजनाथ सिंह

इससे पहले सिंह ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैंक्रो के साथ मुलाकात की. सोमवार देर रात को राजनाथ ने पेरिस पहुंचने पर ट्वीट किया, 'फ्रांस पहुंचकर खुशी हुई. यह महान देश भारत का अहम सामरिक साझेदार है और हमारा विशेष संबंध औपचारिक संबंधों के क्षेत्र से परे जाता है. उन्होंने लिखा, 'फ्रांस की मेरी यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच के वर्तमान सामरिक साझेदारी का विस्तार करना है.'

पढ़ें- राफेल लाने फ्रांस पहुंचे राजनाथ, भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में राजनाथ सिंह ने उनसे भेंट की. मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने फ्रांस को भारत का ' महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार' बताया. रक्षा मंत्रालय ने इस बैठक को 'बहुत गर्मजोशी भरा और सार्थक ' बताया.

दोनों के बीच बैठक करीब 35 मिनट चली. इसके बाद मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया, 'यह बैठक दर्शाती है कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी कितनी गहरी है, खासकर रक्षा क्षेत्र में और हाल के वर्षों में यह उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ हुई है. दोनों नेताओं ने इन संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया.'

इसमें कहा गया, 'दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने और मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देने के लिए सिंह ने राष्ट्रपति मैक्रों का आभार व्यक्त किया.'

भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौते की शुरुआत की थी. तमाम अनिश्चितताओं के बीच 2018 में ये सौदा फाइनल हो गया था.

वैसे तो राजनाथ सिंह ने मंगलवार को 36 राफेल जेट विमानों में पहला विमान मंगलवार को प्राप्त किया, लेकिन चार विमानों का पहला खेप अगले साल मई तक ही भारत आएगा.

सभी 36 राफेल जेट विमान सितम्बर, 2022 तक भारत पहुंचने की संभावना है. उसके लिए भारतीय वायुसेना जरूरी बुनियादी ढांचा तैयारी करने और पायलटों को प्रशिक्षण देने समेत जरूरी तैयारियां कथित रूप से कर रही है.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)

Last Updated : Oct 9, 2019, 12:13 AM IST

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