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कृषि कानून : पंजाब के बाद राजस्थान में भी विधान सभा का विशेष सत्र - special assembly session against farm laws

राजस्थान की गहलोत सरकार किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए जल्द ही विधान सभा का विशेष सत्र बुलाएगी. इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो नवंबर के पहले सप्ताह में यह सत्र बुलाया जा सकता है. इस सत्र के दौरान किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पारित होंगे.

Rajasthan CM Ashok Gehlot
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत

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Published : Oct 21, 2020, 12:34 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 5:29 PM IST

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर बैठक आयोजित हुई. बैठक में केंद्र सरकार द्वारा किसानों से संबंधित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई.

मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इस सत्र के दौरान किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पारित होंगे.

बैठक में राज्य मंत्री परिषद ने फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनिवार्यता पर जोर दिया गया. साथ ही व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद होने की स्थिति में निपटारे के लिए सिविल कोर्ट के अधिकारों को बहाल रखने पर भी चर्चा की गई. मंत्री परिषद का मत है कि राजस्थान में ऐसे प्रकरणों में फसल खरीद के विवादों के मंडी समिति या सिविल कोर्ट के माध्यम से निपटारे की व्यवस्था पूर्ववत रहनी चाहिए.

मंत्री परिषद ने माना कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिंसों के स्टॉक की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भंडारण और कीमतें बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कॉन्ट्रेट फॉर्मिंग अधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान रखना प्रदेश के किसानों के हित में होगा.

पढ़ें:कृषि कानूनों को लेकर विधान सभा का विशेष सत्र जारी, शिअद-आप का प्रदर्शन

बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधन पर भी चर्चा हुई. मंत्री परिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य में कोरोना प्रबंधन बेहतरीन रहा है. हाल ही में केंद्र सरकार तथा आईसीएमआर द्वारा ली गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में ऑक्सीजन के प्रबंधन, मृत्यु दर पर नियंत्रण में सफलता, प्लाज्मा ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल, निशुल्क लाइफ सेविंग ड्रग्स आदि की सराहना की गई है. मंत्री परिषद ने यह भी निर्णय किया कि कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन को 31 अक्टूबर से एक माह और बढ़ाकर 30 नवंबर तक जारी रखा जाए.

Last Updated : Oct 21, 2020, 5:29 PM IST

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