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यात्रियों के लिए एहतियाती उपाय लागू करने पर विचार कर रहा रेलवे

14 अप्रैल को 'लॉकडाउन' खत्म होने के बाद ट्रेनों का परिचालन संभवत: शुरू होने से पहले रेलवे तैयारियों में जुट गया है और कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने को लेकर कुछ प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. हालांकि, लॉकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई यात्री सेवाएं कब बहाल होंगी इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Railways prepares for post lockdown services
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Published : Apr 5, 2020, 8:24 PM IST

नई दिल्ली : रेलवे 14 अप्रैल को 'लॉकडाउन' खत्म होने के बाद ट्रेनों का परिचालन संभवत: शुरू होने से पहले तैयारियों में जुट गया है और कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने को लेकर कुछ प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. इसके तहत यात्रियों द्वारा मास्क पहनना सुनिश्चित करने, यात्रा से पहले उनके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप का उपयोग करने और ट्रेन में यात्रियों के बीच दूरी रखने जैसे कदम उठाये जा सकते हैं.

हालांकि, लॉकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई यात्री सेवाएं कब बहाल होंगी इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद यह चरणबद्ध तरीके से किये जाने की संभावना है.

अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सेवाएं बहाल किये जाने के बारे में फैसला आगामी हफ्ते में लिये जाने की संभावना है.

उन्होंने बताया कि भारतीय रेल ने रेलवे बोर्ड से हर ट्रेन की विशेष मंजूरी मिलने पर ही सेवाएं बहाल करने के विकल्प पर चर्चा की है. जोन ने चरणबद्ध योजना के लिये बोर्ड को सुझाव उपलब्ध कराये हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह संवेदनशील समय है और हम फिलहाल राजस्व अर्जित करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. मुख्य जोर यात्री सुरक्षा पर और (कोरोना वायरस) महामारी के नहीं फैलने पर है. सरकार जब हरी झंडी दिखा देगी तब समय आने पर ट्रेनें चलेंगी. हालांकि अभी तक हमने कोई फैसला नहीं लिया है.'

रेलवे के विभिन्न जोनों में अधिकारी उन ट्रेनों और मार्गों को चिह्नित कर रहे हैं, जिन्हें बोर्ड की मंजूरी के साथ बहाल किया जा सकता है.

अधिकारियों ने कहा कि मुख्य तौर पर ध्यान इस पर देना है कि क्या प्रवासी कामगारों को ले जाने वाले मार्गों और जो लोग यात्रा नहीं कर रहे हैं तथा कोविड-19 के अत्यधिक संक्रमण वाले स्थानों पर रुके हुए हैं, को शुरू में बहाल किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि रेलवे को यह भी ध्यान में रखना होगा कि लॉकडाउन कैसे खुलने वाला है. यदि यह चुनिंदा तरीके से होता है तो फिर ट्रेनें सिर्फ उन्हीं इलाकों में परिचालित होंगी जहां लॉकडाउन (उस वक्त) हट गया है.

रेलवे द्वारा 19 मार्च के उस आदेश को भी जल्दबाजी में रद्द नहीं करने की संभावना है, जिसके तहत यह कहा गया था कि अनावश्यक यात्रा को हतोत्साहित करने के लिये लॉकडाउन के बाद की भी अवधि में रोगियों, छात्रों और दिव्यांगों को छोड़ कर अन्य यात्रियों के लिये किराये में रियायत स्थगित की जा रही है.

अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सेवाएं बहाल होने के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिये जरूरी प्रोटोकॉल पर भी रेलवे चर्चा कर रहा है. वह ट्रेनों में सवार होने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य तरीकों से जांच करने पर भी विचार कर रहे हैं.

एक अधिकारी ने कहा, 'सेवाएं बहाल हो जाने के बाद, हम यात्रियों से स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श के मुताबिक मास्क पहनने का अनुरोध करने की सोच रहे हैं. हम यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच के लिये और सिर्फ स्वस्थ यात्रियों को ट्रेनों में सवार होने की इजाजत देने के लिये आरोग्य ऐप का उपयोग करने की भी भी सोच रहे हैं.'

तैयारियों के तहत रेलवे ने जोनों से डिपो में खड़े रेल डिब्बों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे का मुख्य ध्यान अभी यह सुनिश्चित करने पर है कि लॉकडाउन के चलते निलंबित की गई ट्रेनों के रैक अपने-अपने स्रोत स्टेशन पर पहुंच जाएं, बैटरी की चार्जिंग, जैव शौचालयों की सफाई जैसे उनके उपयुक्त रखरखाव हो जाए.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल चाहते हैं कि रेलवे यह सुनिश्चित करे कि विभिन्न रेलवे जोन महामारी से निपटने की दिशा में अपनी कोशिशें जारी रखें.

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