बाड़मेर. निशुल्क शिक्षा के दौर में राजस्थान में एक ऐसा संस्थान है जो सरकारी तो नहीं, लेकिन सुविधाएं किसी सरकारी संस्थान से कम भी नहीं. एक छोटे से शहर में स्थित यह संस्थान दिखने में छोटा तो जरूर है, लेकिन उपलब्धियां बड़े संस्थान जितनी है. यह आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण है. अब तक इस संस्थान ने 30 छात्रों के सपनों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है.
दरअसल, हम बात कर रहे बाड़मेर शहर में स्थित मेडिकल कोचिंग संस्थान फिफ्टी विलेज की. जिसे 8 साल पहले वर्ष 2012 में एक सरकारी चिकित्सक डॉ. भरत सारण ने शुरू किया था. यहां पर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों से आने वाले छात्रों को मेडिकल कंपटीशन की तैयारी कराई जाती है. बाड़मेर शहर में स्थित यह संस्थान कमजोर आय वर्ग के छात्रों के लिए किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है. संस्थान में निशुल्क कोचिंग के साथ खाना, पीना और रहना फ्री में उपलब्ध है.
यहां मेडिकल की तैयारी करने वाले 30 छात्र अब तक डॉक्टर बनकर देश के अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर भरत सारण उन छात्रों के लिए एक सहारा हैं, जिनके माता पिता नहीं है या फिर वे किसी निर्धन किसान, मजदूर परिवार से आते हैं. फिफ्टी विलेज में तैयारी कर रहे बच्चों का कहना है उनके लिए डॉक्टर बनना एक सपना मात्र था, लेकिन पैसों के अभाव में पढ़ाई करने बेहद मुश्लिक था. छात्रों का कहना है कि फिफ्टी विलेज उनके सपनों को हकीकत में बदलने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है.