हैदराबाद : रसायन विज्ञान में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई है. इमैनुएल चारपोनियर और जेनिफर डूडना को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जीनोम एडिटिंग पद्धति का विकास करने के लिए वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
इमैनुएल चारपोनियर और जेनिफर डूडना ने जीन प्रौद्योगिकी के सबसे तेज उपकरणों में से एक कैसिनो जेनेटिक सीजर की खोज की है.
जेनेटिक सीजर (आनुवंशिक कैंची) ने विज्ञान को एक नया युग दे दिया है. इससे कई मायनों में मानव जाति लाभान्वित हो रही है. चारपोनियर और डूडना पहली दो महिलाएं हैं, जिन्हें जेनोम एडिटिंग को लेकर सम्मानित किया गया है.
उनकी खोज, जिसे CRISPR/Case9 जेनेटिक सीजर के रूप में जाना जाता है, जीवित कोशिकाओं में मौजूद डीएनए में विशिष्ट और सटीक बदलाव करने का एक तरीका है.
जीनोम एडिटिंग एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिए वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं. यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है. इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गए हिस्से को बदलते हैं. इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है.
रसायन विज्ञान में 1901 से 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं. लेकिन यह 1916, 1917, 1919, 1924, 1933, 1940, 1941 और 1942 में नहीं दिया गया.
रसायन विज्ञान में दिए गए नोबेल पुरस्कारः
- 63 रसायन विज्ञान पुरस्कार सिर्फ एक ही पुरस्कार विजेता को मिले हैं.
- 24 रसायन विज्ञान पुरस्कार दो पुरस्कार विजेताओं को दिए गए हैं.
- वहीं तीन पुरस्कार विजेताओं के बीच 25 रसायन विज्ञान पुरस्कार साझा किए गए हैं.
सबसे कम उम्र के केमिस्ट्री पुरस्कार विजेताः
आज तक, केमिस्ट्री में सबसे कम उम्र के नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रैडरिक जूलियट (Frédéric Joliot) हैं, जो 35 वर्ष के थे, जब उन्हें 1935 में अपनी पत्नी, इरेने बॉलीट-क्यूरी के साथ रसायन विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.