चंडीगढ़ : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की धारा बदल दी है. इसके कहर से कोई भी अछूता नहीं है. कई महीनों से स्कूल भी बंद पड़े हैं. हरियाणा में भी छात्रों की पढ़ाई ठप है. सरकार ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का दावा तो कर रही है, लेकिन दूर दराज और पिछड़े इलाकों में तकनीकी व्यवस्था भी फेल नजर आ रही है. कमोबेश यही हालत देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार हरियाणा के नूंह की भी है.
कोरोना के चलते पिछले कई महीनों से सरकारी और निजी स्कूलों में सन्नाटा पसरा है. नूंह जिला पहले से ही शिक्षा के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ है और अब कोरोना ने शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ दी है. छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है.
हालांकि छात्रों के परिजनों का कहना है कोरोना के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ. एक अभिभावक फजरुद्दीन का कहना है कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है और सरकार द्वारा चलाया जा रहा ऑनलाइन पढ़ाई अभियान ग्रामीण इलाकों में जीरो है क्योंकि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कोई सुविधा नहीं दे गई है.
वहीं, एक अन्य अभिभावक दया भड़ाना का कहना है कि बच्चे काफी परेशान कर रहे हैं, इसलिए स्कूल खुलना चाहिए.