भरतपुर :कांग्रेस के नेता बयान देते हैं कि राजस्थान की जमीन पर कोई भी मजदूर पैदल नहीं चल रहा. लेकिन ये तस्वीरें उन सब बयानों को सिरे से खारिज करती हैं. क्योंकि एक गर्भवती महिला अपने परिवार के साथ सूरत से उत्तर प्रदेश के कासगंज के लिए जा रही है.
इसके अलावा बस पॉलिटिक्स की बात करें तो 1 हजार बसें कांग्रेस सरकार उत्तर प्रदेश में भेजने के लिए 24 घंटे से खड़ी की हुई थी. लेकिन इन मजदूरों का क्या, जो पैदल अपने मंजिल की तरफ जा रहे हैं. बात इस गर्भवती की तो महिला की प्रेग्नेंसी को पूरा समय हो चुका है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है. लेकिन इस खतरे से ज्यादा उम्मीद इस बात की है कि वह जल्दी से अपने घर पहुंच जाए.
साथ ही अनेकों ऐसे मजदूर बॉर्डर पर राजस्थान की सीमा में पैदल चलते हुए देखे गए, जो हजारों किलोमीटर पैदल चलते हुए जा रहे थे. इनमें बच्चियां और महिलाएं भी थीं. मगर उनके लिए कोई साधन नहीं था, जबकि राजस्थान कांग्रेस सरकार के हुक्मरानों का दावा है कि राजस्थान की जमीन पर कोई भी मजदूर पैदल नहीं चल रहा है. इसके अलावा कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश में करीब 1 हजार बसों को वहां के मजदूरों के लिए भेजने के लिए यूपी बॉर्डर पर खड़ी की गई थी. जो उत्तर प्रदेश की सरकार की अनुमति नहीं मिलने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. लेकिन यहां पैदल चल रहे मजदूरों को कांग्रेस उनमें बिठाकर छोड़ने को तैयार नहीं है.
मजदूरों के मुताबिक आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में मजदूरों के लिए तो कांग्रेस बस भेजने को तैयार है. लेकिन राजस्थान में पैदल चल रहे मजदूरों को इन बसों से क्यों नहीं छुड़वाया जा रह है. लेकिन इसका जबाब किसी के पास नहीं है पर इतना जरूर है कि मजदूर बगैर साधनों के पैदल ही चलकर अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं.