हैदराबादःभारतीय शिक्षा प्रणाली 1.5 मिलियन से अधिक स्कूलों, 8.5 मिलियन शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के 250 मिलियन बच्चों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली है.
शैक्षणिक संस्थान सुरक्षा और एहतियात बरतते हुए चरणबद्ध तरीके से खुल सकते हैं. शिक्षण संस्थान 3 मार्च से बंद हैं, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह ग्रामीण क्षेत्रों में उचित व्यवस्था और स्मार्टफोन की कम उपलब्धता के चलते प्रभावी नहीं हो सका. अभिभावकों ने ट्यूशन फीस में कोई रियायत नहीं देने पर भी आपत्ति जताई है.
गुजरात में ऑनलाइन कक्षाओं की स्थिति
एक सर्वेक्षण के अनुसार, कोविड -19 की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान गुजरात के सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से कक्षा 9 तक के लगभग 61 प्रतिशत गुजरात सरकार द्वारा चलाए गए घर से पढ़ाई अभियान का फायदा नहीं उठा सके.
28 मार्च को सोशल मीडिया के जरिये आठ सप्ताह का शिक्षण अभियान शुरू किया गया, जिसमें कक्षा 3 से कक्षा 9 तक अंग्रेजी, गणित और गुजराती के लिए 43.23 लाख से अधिक सरकारी प्राथमिक स्कूल के छात्रों को पढ़ाने की व्यवस्था की गई.
717 अभिभावकों में से 460 अभिभावकों के पास एंड्रॉइड फोन थे बाकी 257 अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे. यानि कि 35.84 प्रतिशत अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं था. जिनके पास स्मार्ट फोन थे उनमें से 61 लोग इंटरनेट इस्तेमाल नहीं करते थे जो कि 13.26 प्रतिशत है.