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गरीब बच्चों को नहीं मिल सका ऑनलाइन कक्षाओं का फायदा

कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन में शिक्षण संस्थाओं ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू की. जिन अभिभावकों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध थे उनको तो ऑनलाइन कक्षाओं का फायदा मिला, मगर गरीब तबके के बच्चे इसका लाभ नहीं ले सके.

ऑनलाइन कक्षाओं की स्थिति
ऑनलाइन कक्षाओं की स्थिति

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Published : Aug 27, 2020, 7:43 PM IST

हैदराबादःभारतीय शिक्षा प्रणाली 1.5 मिलियन से अधिक स्कूलों, 8.5 मिलियन शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के 250 मिलियन बच्चों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली है.

शैक्षणिक संस्थान सुरक्षा और एहतियात बरतते हुए चरणबद्ध तरीके से खुल सकते हैं. शिक्षण संस्थान 3 मार्च से बंद हैं, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह ग्रामीण क्षेत्रों में उचित व्यवस्था और स्मार्टफोन की कम उपलब्धता के चलते प्रभावी नहीं हो सका. अभिभावकों ने ट्यूशन फीस में कोई रियायत नहीं देने पर भी आपत्ति जताई है.

गुजरात में ऑनलाइन कक्षाओं की स्थिति

एक सर्वेक्षण के अनुसार, कोविड -19 की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान गुजरात के सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से कक्षा 9 तक के लगभग 61 प्रतिशत गुजरात सरकार द्वारा चलाए गए घर से पढ़ाई अभियान का फायदा नहीं उठा सके.

28 मार्च को सोशल मीडिया के जरिये आठ सप्ताह का शिक्षण अभियान शुरू किया गया, जिसमें कक्षा 3 से कक्षा 9 तक अंग्रेजी, गणित और गुजराती के लिए 43.23 लाख से अधिक सरकारी प्राथमिक स्कूल के छात्रों को पढ़ाने की व्यवस्था की गई.

717 अभिभावकों में से 460 अभिभावकों के पास एंड्रॉइड फोन थे बाकी 257 अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे. यानि कि 35.84 प्रतिशत अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं था. जिनके पास स्मार्ट फोन थे उनमें से 61 लोग इंटरनेट इस्तेमाल नहीं करते थे जो कि 13.26 प्रतिशत है.

399 बच्चे जो इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे थे उनमें से 315 को शिक्षकों ने गृह कार्य दिया. बाकी 84 बच्चे यानि 21.5 प्रतिशत बच्चों को गृहकार्य नहीं मिला.

नई दिल्ली में ऑनलाइन कक्षाओं की स्थिति

तीन नागरिक निकायों में से, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास सबसे ज्यादा 714 स्कूल है, जिसमें करीब 3.5 लाख से अधिक छात्र पढाई करते हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 364 स्कूल हैं, जिसमें 1.7 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 575 स्कूलों में लगभग 2.5 लाख बच्चे हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी और नगरपालिका स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के लगभग 16 लाख बच्चों के पास मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर न होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो गई है. वहीं निजी स्कूलों के छात्र कोरोनो वायरस लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं.

एक अंतरराष्ट्रीय समस्या

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने कहा है कि कोविड की वजह से स्कूल बंद होने के कारण दुनिया भर के 154 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं और इस समस्या से निपटने के लिए छह-सूत्रीय रणनीति का सुझाव दिया है.

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