दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारतीय लोकतंत्र कई मौकों पर देख चुका है 'रिजॉर्ट' पॉलिटिक्स - रिजॉर्ट

पहली बार रिजॉर्ट राजनीति का इस्तेमाल 1982 में हरियाणा में उस समय किया गया, जब कांग्रेस को किसी क्षेत्रीय दल से चुनौती मिली थी. पर्याप्त सीटें नहीं होने के बावजूद, गवर्नर जीडी तापसे ने INLD-भाजपा गठबंधन को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद INLD प्रमुख देवीलाल ने भाजपा और INLD विधायकों को नई दिल्ली के एक होटल में शिफ्ट कर दिया. जानें रिजार्ट राजनीति का इतिहास...

politics of resort
होटल जाते विधायक (फाइल फोटो)

By

Published : Nov 26, 2019, 8:16 AM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में मची राजनीतिक उथल-पुथल इस समय देश के सियासी गलियारों में हॉट टॉपिक बनी हुई है. वैसे भारतीय राजनीति में यह पहला मौका नहीं है, जब रिजॉर्ट राजनीति हुई हो. इससे पहले भी कई बार भारत की जनता रिजॉर्ट राजनीति का नजारा देख चुकी है.

हरियाणा

पहली बार रिजॉर्ट राजनीति का इस्तेमाल 1982 में हरियाणा में उस समय किया गया, जब कांग्रेस को किसी क्षेत्रीय दल से चुनौती मिली थी.
दरअसल, पर्याप्त सीटें नहीं होने के बावजूद, गवर्नर जीडी तापसे ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद INLD प्रमुख देवीलाल ने भाजपा और INLD विधायकों को नई दिल्ली के एक होटल में शिफ्ट कर दिया.

कर्नाटक
हरियाणा के अलावा कर्नाटक में भी रिजॉर्ट राजनीति का नजारा देखने को मिला. कर्नाटक में सबसे पहले 1983 में रामकृष्ण हेगड़े ने अपनी सरकार को बचाने के लिए रिजॉर्ट राजनीति की सहारा लिया. इसी तरह 2004, 2006, 2008, 2009, 2011, 2012, 2017 और 2019 में भी कर्नाटक में रिजॉर्ट राजनीति देखने को मिली.

आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में 1984 और 1995 में रिजॉर्ट राजनीति का खेल खेला गया था.

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र सरकार गठन : फडणवीस के फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

गुजरात
रिजॉर्ट राजनीति से गुजरात भी अछूता नहीं रहा. यहां 1995 और 2017 में रिजॉर्ट राजनीति का उपयोग किया गया.

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में भी 1998 में सत्ता के गलियारों में रिजॉर्ट राजनीति का खेल खेला गया.

बिहार
बिहार में 2000 और 2005 में रिजॉर्ट राजनीति होते देखी गयी.

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की सत्ता में यह पहली बार नहीं है कि राजनीतिक पार्टियां रिजॉर्ट राजनीति का जाल बिछा रही हैं. इससे पहले 2002 में भी राज्य में ऐसा नाटक देखने को मिल चुका है.

उत्तराखंड
उत्तराखंड को भी 2017 और 2019 में रिजॉर्ट राजनीति का रंग चढ़ चुका है.

तमिलनाडु
तमिलनाडु भी इससे अछूता नहीं रहा है. इस दक्षिण भारतीय राज्य में 2017 में रिजॉर्ट राजनीति हो चुकी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details