नई दिल्ली : महाराष्ट्र में मची राजनीतिक उथल-पुथल इस समय देश के सियासी गलियारों में हॉट टॉपिक बनी हुई है. वैसे भारतीय राजनीति में यह पहला मौका नहीं है, जब रिजॉर्ट राजनीति हुई हो. इससे पहले भी कई बार भारत की जनता रिजॉर्ट राजनीति का नजारा देख चुकी है.
हरियाणा
पहली बार रिजॉर्ट राजनीति का इस्तेमाल 1982 में हरियाणा में उस समय किया गया, जब कांग्रेस को किसी क्षेत्रीय दल से चुनौती मिली थी.
दरअसल, पर्याप्त सीटें नहीं होने के बावजूद, गवर्नर जीडी तापसे ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद INLD प्रमुख देवीलाल ने भाजपा और INLD विधायकों को नई दिल्ली के एक होटल में शिफ्ट कर दिया.
कर्नाटक
हरियाणा के अलावा कर्नाटक में भी रिजॉर्ट राजनीति का नजारा देखने को मिला. कर्नाटक में सबसे पहले 1983 में रामकृष्ण हेगड़े ने अपनी सरकार को बचाने के लिए रिजॉर्ट राजनीति की सहारा लिया. इसी तरह 2004, 2006, 2008, 2009, 2011, 2012, 2017 और 2019 में भी कर्नाटक में रिजॉर्ट राजनीति देखने को मिली.
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में 1984 और 1995 में रिजॉर्ट राजनीति का खेल खेला गया था.
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