नई दिल्ली/अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल 'स्टेचू आफ यूनिटी' पहुंचकर श्रद्धंजलि दी. इस दौरान पीएम ने 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में भाग लिया.इसके बाद पीएम मोदी पुलिस प्रौद्योगिकी प्रदर्शनीपहुचें.
'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में बीडीसी चुनाव हुए हैं और 98 प्रतिशत पंच और सरपंचो ने वोट डाला. यह भागीदारी अपने देश में एकता का संदेश है. अब जम्मू-कश्मीर में एक राजनीतिक स्थिरता आएगी.
अहमदाबाद में 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में पीएम मोदी का संबोधन. मोदी ने कहा, 'हमारे जो भाई-बहन इस अस्थाई दीवार के उस पार थे, वो भी असमंजस में रहते थे. जो दीवार कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ा रही थी, अब वो दीवार गिरा दी गई है. दशकों तक हम भारतीयों के बीच इस आर्टिकल 370 ने एक अस्थाई दीवार बना रखी थी.'
पीएम ने कहा, 'कभी सरदार पटेल ने कहा था कि अगर कश्मीर का मसला उनके पास रहा होता, तो उसे सुलझने में इतनी देर नहीं होती। आज उनकी जन्म जयंती पर, मैं आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला, सरदार साहेब को समर्पित करता हूं. हमें इस बात की भी खुशी है कि आज से ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, एक नये भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। हाल ही में वहां, ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में 98 प्रतिशत पंचों-सरपंचों की भागीदारी एक बड़ा संदेश है.'
मोदी ने कहा, 'अब जम्मू-कश्मीर में एक राजनीतिक स्थिरता आएगी.अब निजी स्वार्थ के लिए सरकारें बनाने और गिराने का खेल बंद होगा.अब क्षेत्र के आधार पर भेदभाव के शिकवे और शिकायतें भी दूर होंगी. नये हाईवे, नई रेलवे लाइनें, नये स्कूल, नये कॉलेज, नये अस्पताल, जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएंगे.'
उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग द्वारा स्वीकृत भत्तों का लाभ मिलना भी शुरू हो जाएगा.'
पीएम ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नई व्यवस्थाएं जमीन पर लकीरें खींचने के लिए नहीं हैं, बल्कि विश्वास की एक मजबूत कड़ी बनाने के लिए हैं।यही विश्वास है, जिसकी कामना सरदार पटेल ने भी जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए की थी. सरदार साहेब की प्रेरणा से ही हम संपूर्ण भारत के भावनात्मक व संवैधानिक विलय पर बल दे रहे हैं. ये वो प्रयास हैं, जिनके बगैर 21वीं सदी के विश्व में भारत की मजबूती की कल्पना हम नहीं कर सकते.'
पीएम मोदी ने सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि मोदी ने कहा कि पूरे देश में जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र स्थान था, जहां आर्टिकल 370 था और पूरे देश में जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र स्थान था, जहां तीन दशकों में आतंकवाद ने करीब-करीब 40 हजार लोगों की जान ले ली.
उन्होंने कहा, 'सरदार साहेब के आशीर्वाद से, इन ताकतों को परास्त करने का एक बहुत बड़ा फैसला देश ने कुछ हफ्ते पहले ही लिया है. आर्टिकल 370 ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद और आतंकवाद के सिवाय कुछ नहीं दिया. जब हमारी विविधताओं के बीच, एकता पर बल देने वाली बातें होती हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है. जब हमारी विविधताओं के बीच, हम एकता के मार्ग पर चलते हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर, प्रत्येक देशवासी को देश के समक्ष मौजूद ये चुनौती याद दिला रहा हूं. जो हमसे युद्ध में नहीं जीत सकते, वो हमारी इसी एकता को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन वो भूल जाते हैं कि सदियों की ऐसी ही कोशिशों के बावजूद, हमें कोई मिटा नहीं सका, हमारी एकता को परास्त नहीं कर सका.'
पीएम मोदी ने सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि. मोदी ने कहा, '21वीं सदी में भारत की यही एकता, भारतीयों की यही एकता, भारत के विरोधियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है. आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है. आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है.'
उन्होंने कहा, 'हमेशा याद रखना होगा कि शताब्दियों पहले, तमाम रियासतों को साथ लेकर, एक भारत का सपना लेकर, राष्ट्र के पुनुरुद्धार का सफल प्रयास चाणक्य ने किया था. चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो वो सरदार पटेल ही थे. हम भारत के लोग, ये तीन-चार शब्द नहीं हैं, सिर्फ हमारे संविधान की शुरुआत नहीं हैं. ये हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयों की एकता का प्रतिबिंब है.'
पीएम ने कहा, 'मैं मानता हूं कि अपनी एकता की इस ताकत का पर्व निरंतर मनाना बहुत आवश्यक है. एकता की ये ताकत ही है, जिससे भारतीयता का प्रवाह है. यहां पटना में प्रकट हुए गुरू गोबिंद सिंह, पंजाब में जाकर, देश की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना करते हैं. यहां रामेश्वरम में पैदा हुए एपीजे अब्दुल कलाम, दिल्ली में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होते हैं. पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने.एकरूपता, उन देशों की विशेषता रही, पहचान रही. लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता है. विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी पहचान है.'
उन्होंने कहा, 'हमारे यहां विविधता को सेलिब्रेट किया जाता है. हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है. विविधता का सेलिब्रेशन, विविधता का उत्सव उसमें छुपी एकता का स्पर्श कराता है, उसे बाहर ला देता है. जब हम देश की अलग - अलग भाषाओं और सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है. जब हम विभिन्न पंथों-संप्रदायों की परंपराओं, आस्थाओं का सम्मान करते हैं तो सदभाव-स्नेहभाव में और वृद्धि हो जाती है।इसलिये हमें हर पल, विविधता के हर अवसर को सेलिब्रेट करना है और यही राष्ट्र निर्माण है.'
मोदी ने कहा, 'वो ताकत है, जो पूरी दुनिया में किसी और देश में नहीं मिलेगी. यहां दक्षिण से निकले आदि शंकराचार्य, उत्तर में मठों की स्थापना करते हैं. यहां बंगाल से निकले स्वामी विवेकानंद को देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में नया ज्ञान प्राप्त होता है. सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के पास उन्हें ऊर्जा मिलती है. उन्होंने देश की अखंडता के लिए काम किया. उनकी प्रतिमा देश की एकता का प्रतीक है.'
पीएम ने कहा, 'देश के अलग-अलग कोने से, किसानों से मिले लोहे से, अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी से इस प्रतिमा का आधार बना है. इसलिए ये प्रतिमा, हमारी विविधता में एकता का भी जीवंत प्रतीक है. हम लोगों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार अभी सुनें, उनकी आवाज हमारे कानों में गूंजना, उनके विचारों की वर्तमान में महत्ता, प्रतिपल देश की एकता और अखंडता के बारे में सोचना.उनकी वाणी में जो शक्ति थी और उनके विचारों में जो प्रेरणा था उसे हर हिंदुस्तानी महसूस कर सकता है.'
इसके अलावा पीएम मोदी आज प्रौद्योगिकी प्रदर्शन स्थल का दौरा करेंगे और बाद में केवड़िया में सिविल सर्विस प्रोबेशनर्स के साथ बातचीत करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी नेसरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने एकता दिवस परेड में भाग लिया और देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई.