रांची/नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रांची में आयोजित पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में 40 हजार लोगों के साथ योग शुरू किया. प्रधानमंत्री ने यहां प्रभात तारा मैदान में उपस्थित लोगों से इस दौरान कहा कि योग हमेशा से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और हमें इसके प्रसार के लिये आगे आना चाहिए.
योगा कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी. उन्होंने यहां कहा कि लोगों को आजीवन योगाभ्यास करना चाहिए और सरकार भी इसे निरोधात्मक उपचार के स्तंभ के तौर पर स्थापित करने के लिये काम कर रही है. मोदी ने कहा कि योग से शांति और सौहार्द्र जुड़े हैं और दुनिया भर में लोगों को इसका अभ्यास करना चाहिए.
फटो सौ. (BJP फॉर इंडिया ट्विटर) प्रधानमंत्री ने युवाओं के दिल की बीमारियों के चपेट में आने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा, योग इस बीमारी के रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकता है इसलिये इस साल की थी ‘योग फॉर हॉर्ट (हृदय के लिये योग) रखी गई है.
फटो सौ. (BJP फॉर इंडिया ट्विटर) दुनियाभर में योग के प्रसार के लिए मीडिया के साथी, सोशल मीडिया के लोग अहम भूमिका निभा रहे हैं. योग को लोकप्रिय बनाने के लिये आधारभूत ढांचा मजबूत किया जाना चाहिए। हमें समाज के हर वर्ग तक योग को ले जाना चाहिए.
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पीएम ने कहा झारखंड में योग दिवस के लिए आना बहुत सुखद अनुभव है.
फटो सौ. (BJP फॉर इंडिया ट्विटर) पीएम मोदी ने 40 हजार लोगों के साथ योग कर विश्व को शांति का संदेश दिया
बूंदाबांदी के चलते बने सुहावने मौसम में गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लगभग चालीस से पचास हजार लोगों के साथ विभिन्न प्रकार के योगासन किये तथा दुनिया को संदेश दिया कि योग की कोई सरहद, जाति, संप्रदाय, रंग, धर्म या लिंग नहीं है बल्कि योग सबका है एवं सब योग के हैं.
फटो सौ. (BJP फॉर इंडिया ट्विटर)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह साढ़े छह बजे से आठ बजे तक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोगों से कहा, योग की कोई सरहद नहीं है, इसका कोई रंग नहीं है, योग की कोई आयु नहीं है, इंसकी कोई जाति या धर्म भी नहीं है. योग सबका है और सब योग के हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग से स्वास्थ्य उत्तम होता है और इसके लिये चार ‘प-कार’ - पानी, पोषण, पर्यावरण एवं परिश्रम आवश्यक हैं.
प्रधानमंत्री ने युवाओं के दिल की बीमारियों के चपेट में आने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा, 'योग इस बीमारी के रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकता है इसलिये इस साल की थीम ‘योग फॉर हार्ट’ (हृदय के लिये योग) रखी गई है.'
उन्होंने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार योग को पांच वर्षों में ड्राइंग रूम से बोर्ड रूम तक लेकर गई है.
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के साथ मंच पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मौजूद थे.
देर शाम रांची में हुई भारी बारिश के चलते मौसम सुहावना हो गया था और आज योग के कार्यक्रम के दौरान भी प्रधानमंत्री के भाषण के तुरंत बाद हल्की बूंदाबांदी हुई.
पीएम मोदी ने कहा-
- आप सभी को, पूरे देश और दुनिया को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
- योग के दुनिया भर में प्रसार में मीडिया के हमारे साथी, सोशल मीडिया से जुड़े लोग जिस तरह अहम भूमिका निभा रहे हैं, वो भी बहुत महत्वपूर्ण है. मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं.
- अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है.
- मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है. क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है.
- आज के बदलते हुए समय में, रोग से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है.
- यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है.
- योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं.
- योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है.
- योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है.
- योग सबका है और सब योग के हैं,
- आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है.
- गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है.
- आज हमारे योग को दुनिया अपना रही है तो हमें योग से जुड़ी रीसर्च पर भी जोर देना होगा.
- इसके लिए जरूरी है कि हम योग को किसी दायरे को बांध कर ना रखें.
- योग को मेडिकल, फिजियोथेरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनसे भी जोड़ना होगा.
योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गये.