नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं.
वैश्विक खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपए से अधिक है लेकिन इसमें भारत का हिस्सा बेहद कम है,हमें इसे बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा.
खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं. खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं.
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के बारे में कम्प्यूटर गेम्स बनाने का आहृवान किया और कहा कि आईये खेलों की शुरूआत की जाये.
मोदी ने स्टार्ट-अप उद्यमियों से खिलौनों के लिए तैयारी का आह्वान किया और कहा कि स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है.
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में विभिन्न अनाजों की बोआई का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों की सराहना की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि हमने कोविड-19 महामारी के वक्त अपने त्योहारों में अभूतपूर्व संयम और सादगी देखी है.
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उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा. स्कूल के विद्यार्थी ठान सकते हैं कि वो आजादी के 75वें वर्ष में अपने क्षेत्र के आजादी के 75 नायकों पर कविताएं और नाट्य कथाएं लिखेंगे. आजादी के 75 वर्ष में ऐसे महान नायकों को याद करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के पहले अनेक वर्षों तक देश का कोई कोना ऐसा नहीं था जहां आजादी के मतवालों ने अपने प्राण न्योछावर न किए हों, अपना सर्वस्व त्याग न दिया हो. यह बहुत आवश्यक है कि हमारी आज की पीढ़ी, हमारे विद्यार्थी, आजादी की जंग के हमारे देश के नायकों से परिचित रहें.
इससे पहले 18 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 68वें संस्करण के लिए उनके विचारों को साझा करने के लिए कहा था.