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हेराल्ड प्रकरण : सोनिया व राहुल की अपील पर SC 17 मार्च को करेगा सुनवाई - सोनिया व राहुल की अपील पर

नेशनल हेराल्ड मामले में 2011-12 के आयकर के पुन: आकलन की अनुमति का फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया था. उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. उच्चतम न्यायालय इस मामले पर 17 मार्च को सुनवाई करेगा.

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Published : Jan 6, 2020, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय नेशनल हेराल्ड से जुड़े आयकर मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी की अपील पर आगामी 17 मार्च को सुनवाई करेगा. सोनिया और राहुल ने इस अपील में दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें वर्ष 2011-12 के आयकर के पुन: आकलन की अनुमति दी गई थी.

शीर्ष अदालत ने इस तथ्य का जिक्र किया कि आयकर अपीलीय अधिकरण में कार्यवाही लंबित है और वह 17 मार्च तक उसका नतीजा आने की प्रतीक्षा करेगी.

न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ और ऋषिकेश राय की पीठ ने कहा कि वह इस मामले को अंतिम निबटारे के लिए 17 मार्च को सूचीबद्ध कर रही है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने बताया है कि आयकर अपीलीय अधिकरण के समक्ष कार्यवाही लंबित है.

इससे पहले, सोनिया गांधी और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने कहा कि अपीलीय अधिकरण ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है, लेकिन उसने कम से कम छह बिन्दुओं पर विचार नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि इन छह बिन्दुओं पर व्यवस्था के लिए आयकर अपीलीय अधिकरण में आवेदन किया गया है और यह मामला 28 फरवरी के लिए सूचीबद्ध है.

पढ़ें- नेशनल हेराल्ड मामला: फरवरी तक टला सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस एग्जामिनेशन

आयकर विभाग की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल याचिकाकर्ताओं को अपीलीय अधिकरण जाने को कहा था और यह भी कहा था कि अधिकरण के समक्ष कार्यवाही लंबित रहने के बावजूद यहां सुनवाई जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि आयकर अपीलीय अधिकरण ने 15 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता कोई कारोबार नहीं कर रहे थे.

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अपीलीय अधिकरण के अंतिम आदेशों का शीर्ष अदालत के फैसले पर असर हो सकता है और इसलिए वह अधिकरण के समक्ष लंबित कार्यवाही के नतीजे देखना चाहेगा.

पीठ ने साथ ही स्पष्ट किया कि यदि अधिकरण 17 मार्च तक लंबित बिन्दुओं पर अपना फैसला नहीं सुनाता है तो भी वह इन मामलों में आगे सुनवाई करेगा.

आयकर अपीलीय अधिकरण ने पिछले साल 15 नवंबर को अपने फैसले में कहा था कि आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नियंत्रण वाली यंग इंडियन, तथा उनके परिवार और अन्य को आयकर से प्रदत्त छूट वापस लेना सही था और इसे धर्मार्थ संगठन नहीं माना जा सकता.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 23 अप्रैल को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य को आयकर कानून के तहत यंग इंडियन का पंजीकरण पिछली तारीख से निरस्त करने के फैसले के खिलाफ अपील पर तेजी से सुनवाई के लिए अपीलीय अधिकरण जाने के लिए कहा था.

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाण्डीज ने उच्च न्यायालय के 10 सितंबर, 2018 के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. उच्च न्यायालय ने वर्ष 2011-12 के लिए उनके कर के पुन:आकलन के खिलाफ उनकी याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

आयकर विभाग ने उच्चतम न्यायालय में दलील दी थी कि अपीलीय अधिकरण में लंबित कार्यवाही शीर्ष अदालत में दायर अपीलों से भिन्न हैं.

आयकर का यह मामला नेशनल हेराल्ड प्रकरण से संबंधित है, जिसमें कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी चल रही है.

शीर्ष अदालत ने चार दिसंबर, 2018 को आयकर विभाग को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के कर का फिर से आकलन करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन उसे अपने आदेश पर अमल करने से रोक दिया था.

निचली अदालत में नेशनल हेराल्ड मामले के संबंध में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यन स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत पर आयकर विभाग ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जांच शुरू की थी. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निचली अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को जमानत प्रदान कर दी थी. हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने इन आरोपों से इनकार किया था.

आयकर विभाग ने कहा था कि यंग इंडियन में राहुल गांधी के शेयरों से उन्हें 68 करोड़ रुपये की नहीं बल्कि 154 करोड़ रुपये की आमदनी हुई होगी.

आयकर विभाग ने आयकर वर्ष 2011-12 के लिए यंग इंडियन को 249.15 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए नोटिस दे रखा है.

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