चूरू : भारत देश इस समय कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. इस लड़ाई में पूरा देश एकजुट होता भी दिखाई दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत तक कोरोना महामारी की लड़ाई में जी जान से लगे हुए हैं. वहीं जमीनी स्तर पर भी ऐसे योद्धा हैं, जो कोरोना कि इस लड़ाई में अपना सर्वस्व दे दिया है. जिनके दम पर ही हम काफी हद तक कोरोना महामारी को भारत मे रोक पाने में सफल हुए हैं.
राजस्थान के चूरू में एक ऐसी दंपति भी है जो अपना फर्ज निभाने के लिए अपने दो जुड़वा बच्चों को ताले में रख रही है. इन बच्चों की उम्र महज पांच साल है. पति-पत्नी दोनों अलग-अलग मोर्चे पर देश सेवा में लगे हुए हैं. एक चिकित्सा विभाग में एएनएम है, तो वहीं दूसरा राजस्थान पुलिस में है.
पापा पुलिस में और मां एएनएम
हम बात कर रहे हैं सरदारशहर के बसेरा परिवार की. परिवार के मुखिया संजय बसेरा राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं. उनकी पत्नी स्वास्थ्य विभाग में एएनएम हैं. इस समय देश के दोनों ही विभाग कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. यह दंपत्ति अपने दो छोटे-छोटे जुड़वा बच्चों को घर के अंदर बंद करके बाहर ताला लगा कर अपनी ड्यूटी करने के लिए चले जाते हैं.
सुबह से शाम होती है ड्यूटी
संजय बताते हैं कि वे सुबह 6 बजे ड्यूटी पर निकलते हैं और शाम तक घर आते हैं. वहीं उनकी धर्मपत्नी संदीपा बसेरा, जो सरदारशहर तहसील से 10 किलोमीटर दूर गांव बरडासर के उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं. सुबह 7 बजे ड्यूटी पर निकलती है और शाम तक घर वापस आती है. इस बीच बच्चों को मजबूरन घर के अंदर ताले में कैद करके जाना पड़ता है. किसी प्रकार यह दंपति अपने बच्चों को समझा कर बहला-फुसलाकर घर के अंदर छोड़ कर चले जाते हैं.
पहले संजय के माता-पिता संभालते थे बच्चों को
संजय बसेरा ने बताया कि पहले उनके छोटे-छोटे जुड़वा बच्चों को उनके माता-पिता घर पर संभाल लेते थे, क्योंकि बुजुर्गों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है और वह दोनों पति पत्नी बाहर से घर लौटते हैं. ऐसे में अपने माता-पिता को इस संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए उनको अपने पैतृक गांव भेज दिया है.