दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ऑनलाइन घर पर सेवा देंगे डाकिये, जानें मिशन कर्मयोगी 2020 के प्रमुख निर्णय - COVID 19

2020 में कार्मिक मंत्रालय ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इनमें अधिकतर सरकारी भर्तियों के लिए ऑनलाइन साझा पात्रता परीक्षा, केंद्रीय कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए मिशन कर्मयोगी, डाकिये द्वारा घर पर जाकर पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा करने का निर्णय, कोरोना महामारी के दौरान 48 लाख से अधिक कर्मचारियों को काम करने का सुरक्षित वातावरण मुहैया करवाना आदि शामिल है. इस संबंध में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी.

जितेंद्र सिंह
जितेंद्र सिंह

By

Published : Dec 28, 2020, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : अधिकतर सरकारी भर्तियों के लिए ऑनलाइन साझा पात्रता परीक्षा और केंद्रीय कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए मिशन कर्मयोगी वर्ष 2020 में कार्मिक मंत्रालय की कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं.

मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बीच, केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों के सुचारू कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए समय पर उपाय किए और 48 लाख से अधिक कर्मचारियों को काम करने का सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया.

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण घर से काम करने की अवधारणा की आवश्यकता उत्पन्न हुई. वहीं मंत्रालय द्वारा कर्मचारियों के लिए शुरू किए गए काम करने के तरीके और उपस्थिति प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया कि केंद्र सरकार के संगठन काम करना जारी रखें.

मंत्रालय द्वारा इस वर्ष के दौरान विभिन्न कदमों की घोषणा की गईं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र पेंशन जारी करने वाले बैंकों को देना होता है, ताकि वे पेंशन जारी रखें.

डाकिये पेंशनभोगियों को घर पर सेवा करेंगे प्रदान
केंद्र द्वारा नवंबर में यह निर्णय लिया गया कि डाकिये केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा करने के लिए घर पर सेवा प्रदान करेंगे.

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'मौजूदा महामारी को देखते हुए पेंशनभोगियों के लिए घर पर रहते हुए जीवन प्रमाणपत्र जमा करना एक बड़ी राहत है.'

सरकार भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने के लिए एक प्रारूप भी लेकर आई.

एनआरए और सीईटी का आयोजन
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'ऐतिहासिक फैसलों में से एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) होना है, जो सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगी.'

उन्होंने कहा कि यह नौकरी के इच्छुक व्यक्तियों को एक समान अवसर प्रदान करेगी और उन्हें विभिन्न स्थानों पर विभिन्न चयन परीक्षाओं में शामिल की जरूरत नहीं होगी.'

सिंह ने कहा, 'साथ ही सरकार ने भारत के हर जिले में एक या उससे अधिक केंद्र बनाने का फैसला किया है, ताकि आर्थिक रूप से वंचित उम्मीदवारों और विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को यात्रा करने में किसी भी कठिनाई के कारण ऐसे अवसरों से खुद को वंचित न करना पड़े.'

मिशन कर्मयोगी
उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी शासन में एक महत्वपूर्ण निर्णय बनने जा रहा है और यह सरकारी अधिकारियों के लिए निरंतर उन्नयन तंत्र प्रदान करेगा.

मंत्री ने कहा, 'प्रत्येक अधिकारी को क्षमता निर्माण के लिए एक ऑनलाइन सुविधा होगी, जब भी वह एक नया कार्यभार संभालेगा या जब भी वह एक अलग कार्यभार में तैनात होगा.'

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समूह बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए सीईटी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए), गठित करने का निर्णय लिया था.

एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के प्रतिनिधि होंगे.

वर्तमान में, सरकारी नौकरियों चाहने वाले उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है, जिसके लिए समान पात्रता की शर्तें निर्धारित की गई हैं.

उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों को शुल्क देना पड़ता है और विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

इनमें से प्रत्येक परीक्षा में औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार बैठते हैं.

सरकार ने कहा था कि सीईटी इन उम्मीदवारों को एक बार परीक्षा में शामिल होने और उच्च स्तर की परीक्षा के लिए इनमें से किसी एक या सभी भर्ती एजेंसियों के लिए आवेदन करने में सक्षम करेगा. यह वास्तव में सभी उम्मीदवारों के लिए एक वरदान होगा.

सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल के गठन के 11 महीने बाद गत मार्च में प्रधानमंत्री सहित लोक सेवकों के खिलाफ लोकपाल के साथ शिकायतें दर्ज करने के लिए एक प्रारूप जारी किया था.

लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों की सीटें खाली हैं. लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय कुमार त्रिपाठी का मई में निधन हो गया था. एक अन्य न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिलीप बी भोसले ने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

इन रिक्तियों के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा, 'रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details