नई दिल्ली : अधिकतर सरकारी भर्तियों के लिए ऑनलाइन साझा पात्रता परीक्षा और केंद्रीय कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए मिशन कर्मयोगी वर्ष 2020 में कार्मिक मंत्रालय की कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं.
मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बीच, केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों के सुचारू कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए समय पर उपाय किए और 48 लाख से अधिक कर्मचारियों को काम करने का सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया.
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण घर से काम करने की अवधारणा की आवश्यकता उत्पन्न हुई. वहीं मंत्रालय द्वारा कर्मचारियों के लिए शुरू किए गए काम करने के तरीके और उपस्थिति प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया कि केंद्र सरकार के संगठन काम करना जारी रखें.
मंत्रालय द्वारा इस वर्ष के दौरान विभिन्न कदमों की घोषणा की गईं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र पेंशन जारी करने वाले बैंकों को देना होता है, ताकि वे पेंशन जारी रखें.
डाकिये पेंशनभोगियों को घर पर सेवा करेंगे प्रदान
केंद्र द्वारा नवंबर में यह निर्णय लिया गया कि डाकिये केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा करने के लिए घर पर सेवा प्रदान करेंगे.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'मौजूदा महामारी को देखते हुए पेंशनभोगियों के लिए घर पर रहते हुए जीवन प्रमाणपत्र जमा करना एक बड़ी राहत है.'
सरकार भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने के लिए एक प्रारूप भी लेकर आई.
एनआरए और सीईटी का आयोजन
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'ऐतिहासिक फैसलों में से एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) होना है, जो सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगी.'
उन्होंने कहा कि यह नौकरी के इच्छुक व्यक्तियों को एक समान अवसर प्रदान करेगी और उन्हें विभिन्न स्थानों पर विभिन्न चयन परीक्षाओं में शामिल की जरूरत नहीं होगी.'
सिंह ने कहा, 'साथ ही सरकार ने भारत के हर जिले में एक या उससे अधिक केंद्र बनाने का फैसला किया है, ताकि आर्थिक रूप से वंचित उम्मीदवारों और विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को यात्रा करने में किसी भी कठिनाई के कारण ऐसे अवसरों से खुद को वंचित न करना पड़े.'