नई दिल्लीः प्याज एक बार फिर आम आदमी को रूलाने लगी है. यह सेब से भी महंगी हो गई है. औसत क्वालिटी का सेब खुदरा बाजार में 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है, लेकिन एक किलोग्राम प्याज के लिए कम से कम 50 रुपये की कीमत चुकानी पड़ रही है.
एपीएमसी की वेबसाइट पर 24 सितबंर को प्याज का भाव 22.50-42.50 रुपये प्रति किलोग्राम था और आवक का आंकड़ा 1,370.9 टन दर्ज की गई.
चार साल के ऊंचे स्तर पर प्याज का भावदेश में लगातार के दामों में वृद्धि हो रही है. प्याज अपने बढ़ते दामों से लोगों को रुला रही है. प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.
2015 में प्याज का दाम 50 रुपये किलो से अधिक पहुंचा था. उसके बाद से प्याज के दामों में इजाफा नहीं हुआ. चार साल बाद प्याज फिर 50 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा छू लिया है.
बता दें कि 2011 में भी प्याज के दामों में इतनी वृद्धि हुई थी कि देश के कुछ शहरों में 100 रुपये से भी ज्यादा प्याज के दाम हो गए थे.
जानें देश के कुछ प्रमुख शहरों में प्याज का भाव
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो है, जो 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है.
- लखनऊ - 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- नवी मुंबई - 45 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम
- हैदराबाद - 50 से 60 प्रति किलोग्राम
- बेंगलुरु - 60 रुपए प्रति किलोग्राम
- गुरुग्राम - 80 रुपये किलोग्राम
- पटना - 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- दिल्ली - 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- चेन्नई - 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम
- देहरादून - 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- अहमदाबाद - 55 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम
1998 में प्याज के कारण दिल्ली में दोबारा नहीं आ पाई भाजपा की सरकार
1993 में भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई और1993 से लेकर 1998 तक की अवधि में भाजपा ने वहां पर तीन मुख्यमंत्री बनाए. 1998 में चुनाव से छह महीने भाजपा ने दिल्ली सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया. उसी समय दिल्ली में प्याज की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ. चुनाव के दौरान भाजपा की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्याज की कीमतों को चुनावी मुद्दा बनाया. चुनाव के बाद नतीजा आया तो पता चला कि कांग्रेस ने 52 सीटों पर चुनाव जीता तो वहीं भाजपा मात्र 15 सीटों पर सिमट गई.
प्याज को लेकर कहे केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान
देश के विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही है इस पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से सितंबर अक्टूबर-नवंबर महीने में प्याज टमाटर, आलू व अन्य चीजों के दाम बढ़ते-घटते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि इस समय देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ भी आयी हुई है जहां पहले नहीं आया करती थी, इससे ट्रांसपोर्टेशन में समस्या आ रही है, जो माल जहां है वहीं पर रुका हुआ है, दाम जो बढ़े हैं वह कुछ समय के लिए ही है, प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.